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    बिहार की इस सीट पर पासवान जाति का है दबदबा, 30 साल से कोई महिला नहीं बन पाई है विधायक

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 04:24 PM (IST)

    अररिया जिले के रानीगंज विधानसभा सीट 1962 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां 30 वर्षों से कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। 1990 और 1995 में शांती देवी जनता दल से लगातार दो बार जीतीं और मंत्री भी बनीं। पासवान जाति के उम्मीदवार यहां सबसे अधिक बार विजयी हुए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    अफसर अली, अररिया। जिले के छह विधानसभा में रानीगंज एकलौता आरक्षित सीट है। 1962 के बाद से रानीगंज विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां पुरुष उम्मीदवार का दबदबा रहा है। तीस साल से एक भी महिला विधायक यहां नहीं बनी।

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    जबकि आंकड़े इस बात की गवाह हैं कि यहां महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत अधिक रहा है। रानीगंज में 16 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें केवल 1990 और 1995 के विधानसभा चुनाव में लगातार महिला प्रत्याशी शांती देवी देवी चुनाव जीती थी। दोनों बार वह बिहार सरकार में मंत्री पद भी संभाली थी।

    रानीगंज विधानसभा में पहली महिला विधायक व मंत्री बनने का खिताब भी शांति देवी के नाम है। इसके बाद कई महिला कैंडिडेट ने अपना भाग्य आजमाया लेकिन जनता ने किसी को स्वीकार नहीं किया। तबसे लेकर अबतक पुरुष प्रत्याशी ही चुनाव जीतते रहे।

    जनता दल के टिकट से दर्ज की थी जीत

    शांति देवी अनुसूचित जाति (पासवान) जाति की है। रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के हिंगुवा गांव की निवासी है। अभी करीब 70 वर्ष की होगी। 1990 में जनता दल की टिकट से रानीगंज विधानसभा से चुनाव जीतीं थी। शानदार जीत के कारण बिहार सरकार में मंत्री का पद मिला था।

    लोकप्रियता के चलते दूसरी बार 1995 में भी चक्र छाप पर चुनाव मैदान में उतरी, दूसरी बार भी प्रतिद्वंदियों को धूल चटा गई। इसके बाद जनता दल में फूट पड़ गई और आरजेडी व जदयू दो अलग अलग पार्टी बन गई। 2000 में आरजेडी से पूर्व मंत्री युमुना प्रसाद राम को जीत मिली।

    बीजेपी के पूर्व मंत्री रामजी ऋषिदेव दूसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2005 में बीजेपी के परमानंद ऋषिदेव ने अशोक पासवान को हराया था। शांति देवी तीसरे स्थान पर चली गई थी।

    वर्ष 2005 में बिहार में बहुमत नहीं मिलने पर छह माह के भीतर फिर चुनाव हुए थे। जिसमें बीजेपी के रामजी दास ऋषिदेव को जीत मिली थी। शांतिदेवी दूसरे स्थान पर थी।

    सबसे अधिक पासवान जाति को मिली जीत

    रानीगंज में 16 विधानसभा चुनाव में पासवान जाति के कैंडिडेट को सबसे अधिक छह बार जीत मिली है। जबकि अनुसूचित जाति के मुसहर जाति को पांच बार और मोची को तीन, धोबी दो, लाला एक, धानुक जाति के एक उम्मीदवार रानीगंज से विधायक बनने में कामयाब रहे हैं।

    वर्ष विजेता पार्टी वोट उपविजेता पार्टी वोट
    2015 अचमित जदयू 77,717 रामजी दास ऋषिदेव बीजेपी 62,787
    2010 परमानंद ऋषिदेव बीजेपी 65,111 शांति देवी आरजेडी 41,458
    2005 (अक्टूबर) रामजी दास ऋषिदेव बीजेपी 34,796 शांति देवी आरजेडी 30,690
    2005 (फरवरी) परमानंद ऋषिदेव बीजेपी 31,468 अशोक पासवान एलजेपी 24,180
    2000 यमुना प्रसाद राम आरजेडी 52,035 रामजी दास ऋषिदेव बीजेपी 30,365
    1995 शांति देवी जनता दल 37,371 यमुना प्रसाद राम आईएनसी 26,132
    1990 शांति देवी जनता दल 36,950 यमुना प्रसाद राम आईएनसी 33,174
    1985 यमुना प्रसाद राम आईएनसी 54,758 बुंदेल पासवान जेएनपी 8,760
    1980 यमुना प्रसाद राम आईएनसी (आई) 24,070 सुकदेव पासवान जेएनपी 16,248
    1977 अधिकलाल पासवान जेएनपी 22,345 बुंदेल पासवान आईएनसी 14,955
    1972 बुंदेल पासवान निर्दलीय 28,814 कुमार लाल बैठा आईएनसी 13,609
    1969 डूमरलाल बैठा आईएनसी 17,109 बुंदेल पासवान एलटीसी 8,803
    1967 डूमरलाल बैठा आईएनसी 18,274 बुंदेल पासवान पीएसपी 10,473
    1962 गणेश लाल वर्मा निर्दलीय 13,575 राम नारायण मंडल आईएनसी 13,001
    1957 रामनारायण मंडल आईएनसी 6,371 गणेश लाल वर्मा सीएनपीएसपीजेपी 5,066