साहित्यकार भारत भूषण अग्रवाल की मनी पुण्यतिथि
अररिया। बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के तत्वावधान में प्रोफेसर कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में ...और पढ़ें

अररिया। बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के तत्वावधान में प्रोफेसर कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में साहित्यकार भारत भूषण अग्रवाल की पुण्यतिथि बाल साहित्यकार हेमंत यादव शशि की अध्यक्षता में मनाई गई। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों सहित उपस्थित अतिथियों ने उनके तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस मौके पर यादव ने कहा कि भारत भूषण अग्रवाल का जन्म 1910 में तुलसी जयंती के दिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। वे मुख्य रूप से कवि थे। ¨कतु उन्होंने नाटक, उपन्यास, निबंध, आलोचना, बाल साहित्य आदि गद्य की विधाओं में भी लिखकर अपनी प्रतिभा को प्रमाणित किया। उन्होंने अपने व्यंग्य और हास्य से परिपूर्ण मुक्तक लिखकर ¨हदी कविता को एक नई विधा दी। मौलिक लेखन के अलावा रवींद्र नाथ टैगोर के नाटकों और कविताओं का ¨हदी में सुंदर अनुवाद करके अपनी अनुवाद कला का भी सहज परिचय दिया। वहीं उन्हें याद करते हुए हर्ष नारायण दास ने उनकी रचनाएं छवि के बंधन, जागते रहो, टार सप्तक, कागज के फूल, मुक्ति मार्ग और बाल साहित्य कितने फूल खिलाये, मेरे खिलौने आदि पर संक्षिप्त रूप से चर्चा की।
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महाभारत की एक सांझ है बहुचर्चित एकांकी: विनोद तिवारी
कार्यक्रम के संयोजक विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि महाभारत की एक साँझ भारत भूषण अग्रवाल की एक बहुचर्चित एकांकी है, जिसकी विषय वस्तु और प्रस्तुति सर्वथा नई है। इस एकांकी में बताया गया है कि पांडव सत्य पथ पर थे और कौरव कुपथ पर थे। मगर दोनों के संवाद से यह साबित करने का प्रयास किया गया कि पांडव भी थोड़े अन्यायी थे। उन्होंने बताया कि भारत भूषण अग्रवाल का निधन 23 जून 1975 को शिमला में हुआ था। इस अवसर पर बच्चों ने भी कविताएं, गीत, चुटकुले आदि के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। बाद में सभाध्यक्ष के द्वारा बच्चों को पुरस्कार प्रदान किया गया।

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