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    अररिया में विवाहिता को अगवा कर ले गए दिल्ली, धर्म बदलने को कहा; बच्चे को जान से मारने की दी धमकी

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 06:52 PM (IST)

    फारबिसगंज थाना क्षेत्र की एक महिला को अगवा कर एक महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। पीड़िता को विदेश में बेचने की तैयारी थी। महिला ने किसी तरह भागकर पति को जानकारी दी और अररिया कोर्ट में सात लोगों के खिलाफ परिवाद दायर की। 

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    चंगुल से निकलकर भागी पीड़िता। (जागरण)

    संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया)। फारबिसगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला को एक महीने तक अगवा कर बंधक बनाकर रखा गया।

    महिला को भीमपुर, सहरसा, दिल्ली सहित कई इलाकों में बंधक बनाकर रखा गया था और उसे विदेश में बेचने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन किसी तरह चंगुल से निकली महिला घर पहुंची और अपने पति को सारी जानकारी दी। जिसके बाद महिला ने पति के साथ अररिया कोर्ट पहुंचकर आरोपितों के खिलाफ परिवाद दायर की।

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    फारबिसगंज थाना क्षेत्र की एक विवाहिता ने नरपतगंज थाना क्षेत्र के पलासी गांव निवासी मो. आलम आजाद सहित सात लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अररिया व्यवहार न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल की है।

    पीड़िता का आरोप है कि उसे धोखे से अगवा कर महीनों तक बंधक बनाया गया, मारपीट की गई, हिंदू से मुस्लिम धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया और बच्चे को मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं दर्ज परिवाद पत्र में महिला ने विदेश में उन्हें बेचने की नाकाम कोशिश करने का भी आरोप लगाया है।

    फोन पर दिया झांसा

    पीड़िता के अनुसार, आरोपी मो. आलम आजाद ने उसे फोन पर झांसा दिया कि उसके पति ने बुलाया है। विश्वास में आकर वह घर से निकली तो आलम आजाद उसे जबरन अपनी कार में बैठाकर सुपौल जिले के वीरपुर प्रखंड के भीमपुर गांव ले गया।

    वहां कई दिन बंधक रखने के बाद उसे अररिया लाया गया, जहां जबरदस्ती एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर नोटरी करा लिया गया। पीड़िता का आरोप है कि यह कागज उन्हें विदेश में बेचने के लिए इस्तेमाल करने की नीयत से करवाया गया। इसके बाद उसे फिर भीमपुर और फिर आलम के पैतृक गांव पलासी में कैद रखा गया।

    स्वजनाें ने मिलकर आपत्तिजनक खाद्य पदार्थ खिलाने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर मारपीट की गई। अंत में आरोपी आलम आजाद उसे सहरसा से ट्रेन से दिल्ली ले गया, जहां कई दिनों तक एक किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा और उसके बच्चे को जान से मारने की धमकी दी।

    लंबे समय तक कैद और उत्पीड़न के बाद किसी तरह पीड़िता अपने घर वापस लौटी। डर और सामाजिक कलंक के कारण पहले चुप रही, लेकिन अब हिम्मत जुटाकर अपने पति के साथ मिलकर उसने न्यायालय की शरण ली है। परिवाद में मो. आलम आजाद के अलावा उसके स्वजनों व सहयोगियों समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

    मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। पुलिस अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकी है, क्योंकि पीड़िता ने सीधे कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है।