सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही सरकारी चादर
अररिया। सरकार की ओर से अस्पतालों में सतरंगी चादर की व्यवस्था की गई है। लेकिन अररिया सद
अररिया। सरकार की ओर से अस्पतालों में सतरंगी चादर की व्यवस्था की गई है। लेकिन अररिया सदर अस्पताल में यह व्यवस्था बस कागजों व नोटिस बोर्ड तक ही सिमट कर रह गई है। यहां मरीजों को बेड मिलने के बाद चादर की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ती है। अगर किसी मरीज का घर दूर हो तो उसे बिना चादर के ही बेड पर सोना पड़ता है।
सदर अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार लगातार पहल कर रही है। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो। सदर अस्पतालों में अब नर्सिंग स्टॉफ की कमी नहीं है। बावजूद सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ लगातार देर से अस्पताल आ रहे हैं। शुक्रवार को सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों की पड़ताल में व्यवस्था भी कुछ इसी तरह दिखी। किसी भी वार्ड में दिन के हिसाब से चादर बिछी नहीं दिखी। कुछेक बेड पर चार दिन पहले ही दी गई थी चादर सदर अस्पताल के किसी भी वार्ड में शुक्रवार को मरीजों के बेड पर चादर नहीं बदली गई थी। अधिकांश मरीज तो अपने घर लाई चादर पर सोए थे। वहीं पुरुष सर्जिकल वार्ड, पुरुष मेडिकल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, प्रसव वार्ड, महिला सर्जिकल वार्ड में कुछेक बेड पर कई दिन पहले की बिछाई गई चादर ही बेडों पर पड़ी हुई थी। महिला सर्जिकल वार्ड में भर्ती कई मरीजों ने बताया कि शुक्रवार को उसके वार्ड में एक भी बेड पर चादर नहीं बदली गई तथा जो भी नए मरीज आए, उसे बिना चादर के ही बेड पर भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। वहीं ओमनगर के रवि निरंजन ने बताया कि प्रतिदिन मरीजों के बेड पर चादर नहीं बदले जाने का मुख्य कारण अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार की मिलीभगत है।
सतरंगी चादर योजना का लग रहा ग्रहण स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार सदर अस्पताल में भी सतरंगी चादर योजना लागू है। जिसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग रंगों की चादर मरीजों के बेड पर बिछाई जानी है। जिसमें रविवार को बैंगनी, सोमवार को नीला, मंगलवार को आसमानी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी तथा शनिवार को लाल चादर बिछाई जानी है। लेकिन संवेदक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के इस सतरंगी चादर योजना का पलीता लगाया जा रहा है। गौरतलब हो कि अस्पताल में लगभग बेडों के अनुसार प्रतिमाह लगभग हजारों रुपए चादर धुलाई के नाम पर संवेदक को भुगतान किया जाता है। बावजूद मरीजों को बेड पर दिन के हिसाब से साफ-सुथरी चादर उपलब्ध नहीं कराई जाती है। कोट
150 बेड के लिए 1500 चादर की जरूरत है। फिलहाल 800 के करीब चादर उपलब्ध है। जिसके कारण प्रतिदिन चादर बदलने में परेशानी है। चादर की डिमांड की गई। जल्द ही पर्याप्त चादर की व्यवस्था हो जाएगी। जिसके बाद परेशानी नहीं होगी। -विकास आनंद, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल, अररिया
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