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    Bihar News: जीविका से बदल रही महिलाओं की जिंदगी, सिलाई और बकरी पालन कर संवार रहीं परिवार

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 08:59 AM (IST)

    बिहार में जीविका कार्यक्रम महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है. महिलाएं सिलाई और बकरी पालन जैसे कार्यों से जुड़कर अपने परिवारों को आर्थिक रू ...और पढ़ें

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    सिलाई मशीन के साथ जीविका दीदी। फोटो जागरण

    अजीत कुमार, फुलकाहा (अररिया)। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना और जीविका कार्यक्रम नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र की महिलाओं के जीवन में आर्थिक ही नहीं, सामाजिक बदलाव की भी नई कहानी लिख रही है।

    कभी घर की चाहरदीवारी तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनकर न सिर्फ परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि समाज में एक नई पहचान भी बनी है। नरपतगंज क्षेत्र की दर्जनों महिलाएं आत्मनिर्भर हुई है। महिलाओं का कहना है कि सरकार हमें आरक्षण के साथ-साथ कई तरह की सुविधा दे रही है।

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    लक्ष्मीपुर की संजू देवी संग कई महिलाएं बनीं मिसाल

    नरपतगंज प्रखंड के अंचरा पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीपुर गांव की संजू देवी, नेहा कुमारी, पिंकी देवी, सावित्री देवी, मानिकपुर की पार्वती देवी, कोशल्या देवी, पूजा कुमारी, गुंजा कुमारी ने जीविका से जुड़कर आज महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल बन चुकी हैं। जीविका के तहत मिली 10 हजार की सहायता राशि से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और घर पर ही सिलाई का काम शुरू किया।

    शुरुआत में छोटे-छोटे आर्डर से काम शुरू हुआ, आज सिलाई से नियमित आमदनी हो रही है। सिलाई मशीन, बकरी पालन, किराना, सब्जी की दुकान के साथ-साथ कई तरह की रोजगार कर रही है। संजू देवी बताती हैं कि पहले आर्थिक तंगी के कारण उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था।

    बच्चों की पढ़ाई, घरेलू खर्च और इलाज जैसी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल था। लेकिन अब वह न केवल इन जरूरतों को आसानी से पूरा कर पा रही हैं, बल्कि आत्मसम्मान के साथ जीवन जी रही हैं।

    संजू देवी अकेली उदाहरण नहीं हैं। नरपतगंज प्रखंड की दर्जनों महिलाएं जीविका समूह से जुड़कर स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ रही हैं। किसी ने सिलाई मशीन खरीदी, तो किसी ने बकरी पालन को अपनाया।

    जीविका से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस योजना की खासियत यह है कि उन्हें घर बैठे रोजगार मिला है। सिलाई, कढ़ाई, बकरी पालन जैसे कार्यों से महिलाएं अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं और परिवार की आर्थिक रीढ़ बनती जा रही हैं। इससे परिवार और समाज में महिलाओं के प्रति नजरिया भी बदला है।

    प्रशिक्षण और मार्गदर्शन बना संबल

    जीविका से जुड़ी महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और आत्मविश्वास भी मिला है। समूह बैठकों के माध्यम से महिलाओं को बचत, ऋण प्रबंधन और व्यवसाय संचालन की जानकारी दी जा रही है। इससे उनमें उद्यमिता की भावना विकसित हो रही है और वे अपने व्यवसाय को और विस्तार देने के सपने देख रही हैं।

    स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार की यह योजना जमीनी स्तर पर असर दिखा रही है। महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।

    छोटी सहायता, बड़े सपनों की नींव

    कुल मिलाकर, जीविका योजना नरपतगंज प्रखंड में महिला सशक्तिकरण की एक मजबूत और प्रेरणादायक कहानी बनकर उभर रही है। 10 हजार रुपये की छोटी सहायता राशि महिलाओं के लिए बड़े सपनों की नींव साबित हो रही है। यह योजना साबित कर रही है कि यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनकर समाज की दिशा बदल सकती हैं।

    जीविका दीदियों ने बताया कि 10 हजार रुपया तो बहुत कम राशि होती है। लेकिन हमलोग किसी तरह काम कर रहे हैं, सरकार के द्वारा दो लाख देने की घोषणा भी की है। अगर दो लाख रुपया और हमलोगों को मिल जाता है तो इससे बड़ा रोजगार मिल जाएगा।