अररिया में दिलचस्प हुआ चुनाव; एनडीए और महागठबंधन से कौन होगा उम्मीदवार, किसका होगा पत्ता साफ?
अररिया जिले में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन जल्द शुरू होने वाला है। एनडीए और महागठबंधन ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे लोगों में उत्सुकता है। टिकट के लिए दोनों गठबंधनों में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। जन सुराज में प्रत्याशी की घोषणा के बाद असंतोष है।

अररिया जिले में दिलचस्प हुई चुनावी जंग।
अनिल त्रिपाठी, अररिया। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए जिले की छह विधानसभा सीटों पर नामांकन 13 सितंबर से शुरू हो रहा है, जबकि अब तक एनडीए व महागठबंधन से किसी सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। दोनों गठबंधन से टिकट पाने के लिए होड़ मची है। लोगों की जुबान पर एक ही चर्चा है कौन उम्मीदवार मैदान में सामने आ रहा है तथा किसका पत्ता कट रहा है।
जन सुराज की पहली सूची में सिकटी सीट से प्रत्याशी घोषित होने के बाद बगावत का दौर भी शुरू हो गया है। टिकट नहीं मिलने पर भोला सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। वहीं, एनडीए व महागठबंधन से अब तक उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं होने पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
दोनों के समर्थक लगातार पटना व दिल्ली संपर्क कर ताजा स्थिति की जानकारी वरीय नेताओं से ले रहे हैं। इस बार के चुनाव में कौन सीट किसके खाते में जाएगी। यह भी बड़ा सवाल है। सीट शेयरिंग को लेकर तरह तरह तरह की चर्चाएं हवा में तैर रही है। पिछली बार अररिया और फारबिसगंज सीट कांग्रेस के खाते में थी। तो इस बार फारबिसगंज से राजद की मजबूत दावेदारी है।
अररिया के विधायक समर्थकों का कहना है कि महागठबंधन से कांग्रेस से सीटिंग विधायक काे ही टिकट मिलना तय है। वैसे तो नाम कई आ रहे है लेकिन लोगों का कहना है कि कहीं तीसरा कोई न बाजी मार ले जाए।
महागठबंधन में जोकीहाट सीट राजद के खाते में पक्की मानी जा रही है। वहीं एनडीए में सीट को लेकर उहापोह की स्थिति है।
इधर नरपतगंज, रानीगंज,सिकटी में भी फिलहाल धूंध के बादल छाए हुए हैं। संभावना है कि अगले 24 घंटे में सीट शेयरिंग के साथ ही प्रत्याशी के नाम से भी धूंघ छंट जाएगा। जिले की छह सीटों में जनसुराज ने फिलहाल सिकटी से प्रत्याशी की घोषणा की है। अब शेष पांच सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर अब तक संशय है।
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