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    Bihar Election: बिहार की इस सीट को 30 साल से है महिला विधायक का इंतजार, वोटिंग में आधी आबादी आगे फिर भी पुरुषों का दबदबा

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 10:15 AM (IST)

    अररिया जिले की रानीगंज विधानसभा सीट 1962 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है परन्तु 1995 से यहाँ पुरुष विधायक ही चुने गए हैं। हालाँकि यहाँ महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक है फिर भी पिछले 30 सालों में कोई महिला विधायक नहीं बनी है। शांति देवी 1990 और 1995 में जनता दल से विधायक बनीं और मंत्री भी रहीं।

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    30 वर्षों से पुरूषों का नेतृत्व, महिलाओं को नहीं मिला मौका

    अफसर अली, अररिया। जिले के छह विधानसभा में रानीगंज इकलौता आरक्षित सीट है। 1962 के बाद से रानीगंज विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां 1995 के बाद से पुरुषों का नेतृत्व रहा है। तीस साल से एक भी महिला विधायक यहां नहीं बनी। जबकि आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यहां महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत अधिक रहा है।

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    रानीगंज में 16 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें केवल वर्ष 1990 और 1995 के चुनाव में लगातार महिला प्रत्याशी शांति देवी चुनाव जीती थी। दोनों बार वह बिहार सरकार में मंत्री भी बनी।

    रानीगंज विधानसभा में पहली महिला विधायक व मंत्री बनने का खिताब भी शांति देवी के नाम है। इसके बाद भी महिला प्रत्याशी ने अपना भाग्य आजमाया, लेकिन जनता ने किसी को स्वीकार नहीं किया। तब से लेकर अब तक पुरुष प्रत्याशी ही चुनाव जीतते रहे।

    जनता दल के टिकट पर दर्ज की थी जीत

    शांति देवी अनुसूचित जाति (पासवान) कोटि से आती हैं जो रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के हिंगुवा गांव की निवासी है। 1990 में जनता दल के टिकट पर रानीगंज विधानसभा से चुनाव जीती थी। शानदार जीत के कारण बिहार सरकार में मंत्री का पद मिला था।

    लोकप्रियता के चलते दूसरी बार 1995 में भी चक्र छाप पर चुनाव मैदान में उतरी और जीत दर्ज की। इसके बाद जनता दल में फूट पड़ गई और आरजेडी व जदयू दो अलग अलग पार्टी बन गई।

    वर्ष 2000 में आरजेडी से पूर्व मंत्री यमुना प्रसाद राम को जीत मिली। भाजपा के रामजी दास ऋषिदेव दूसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2005 में भाजपा के परमानंद ऋषिदेव ने अशोक पासवान को हराया था। शांति देवी तीसरे स्थान पर चली गई थी।

    वर्ष 2005 में बिहार में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नौ माह के भीतर फिर चुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा के रामजी दास ऋषिदेव को जीत मिली थी। शांति देवी दूसरे स्थान पर थी।

    सबसे अधिक पासवान जाति को मिली जीत

    रानीगंज में अब तक हुए 16 विधानसभा चुनाव में पासवान जाति के प्रत्याशी को सबसे अधिक छह बार जीत मिली है। जबकि अनुसूचित जाति के मुसहर जाति को पांच बार और मोची को तीन, धोबी दो, लाला एक, धानुक जाति के एक प्रत्याशी रानीगंज से विधायक बनने में कामयाब रहे हैं।

    अब तक निर्वाचित विधायक

    2020-अचमित ऋषिदेव, जदयू

    2015- अचमित ऋषिदेव, जदयू

    2010- परमानंद ऋषिदेव,भाजपा

    2005- रामजी दास ऋषिदवे, भाजपा

    2005- परमानंद ऋषिदेव- भाजपा

    2000-यमुना प्रसाद राम,राजद

    1995- शांति देवी, जनता दल

    1990-शांति देवी,जनता दल

    1985- यमुना प्रसाद राम,कांग्रेस

    1980 -यमुना प्रसाद राम,कांग्रेस

    1977- अधिक लाल पासवान,जनता पार्टी

    1972- बुंदेल पासवान- निर्दलीय

    1969- डूमरलाल बैठा, कांग्रेस

    1967- डुमरलाल बैठा, कांग्रेस

    1962-गणेश लाल वर्मा, निर्दलीय

    1957- राम नारायण मंडल, कांग्रेस