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    घोषणा के चार साल बाद भी अररिया में नहीं खुला ब्लड बैंक, गंभीर रोगियो को किया जाता रेफर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 22 May 2021 09:54 PM (IST)

    कागजी पेंच में फंसी है प्रक्रिया ब्लड बैंक के लिए मकान है चिन्हित - गंभीर मामले में पूर्णि

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    घोषणा के चार साल बाद भी अररिया में नहीं खुला ब्लड बैंक, गंभीर रोगियो को किया जाता रेफर

    कागजी पेंच में फंसी है प्रक्रिया, ब्लड बैंक के लिए मकान है चिन्हित

    - गंभीर मामले में पूर्णियां मदर ब्लड बैंक से मंगवाया जाता ब्लड

    - ब्लड की कमी से मरने वालों के आंकड़ें स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं

    अफसर अली, अररिया: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। घोषाणाएं और दावे तो बहुत हैं परंतु धरातल पर सिफर है। करीब 35 लाख की आबादी वाले इस जिले में ब्लड बैंक नहीं हैं। भले की सरकारी आंकड़े विभाग के पास उपलब्ध नहीं है परंतु कईयों की जिदगी समय पर ब्लड नहीं मिलने से चली गई। खासकर सड़क दुर्घटना शिकार और गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगियों को इसका अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा है।

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    चार साल पहले हुई थी घोषणा :

    चार साल पहले सरकार ने सीमांचल के अन्य जिले सहित इस अररिया में ब्लड खोलने की घोषणा हुई थी और हरी झंडी भी मिल गई थी। लेकिन विभागीय शिथिलता और लापरवाही के चलते अभी तक जिले में ब्लड बैंक नहीं खुल सका है।

    ब्लड बैंक के लिए मकान हुआ था चिन्हित:

    जून 2020 में बड़ी तामझाम के साथ सदर अस्पताल में ब्लड बैंक खोलने के लिए मकान चिन्हित कर लिया गया था। कुछ सामान भी मंगवा लिए गए थे। तैयारी तेजी से चल रही थी। लोगों को उम्मीद जगी थी कि ब्लड बैंक खुलने से न केवल जिले के लाखों की आबादी को फायदा होगा बल्कि आपस के जिले के लोगों को भी राहत मिलेगी। लोगों को पूर्णिया व नेपाल जाने की चक्कर से मुक्ति तो मिलेगी। साथ ही दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों की जान भी बचाई जा सकेगी।

    - जिले में दो ब्लड स्टोरोज सेंटर :

    सूत्र बतातें हैं कि फिलहाल अररिया जिले में महज दो ब्लड स्टोरेज सेंटर है। सदर अस्पताल व अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगज में। लेकिन दोनों जगहों पर स्थापित ब्लड स्टोरेज सेंटर में डिमांड के अनुरूप ब्लड उपलब्ध नहीं रहता है। पूर्णियां मदर ब्लड बैंक के भरोसे ही ही स्टोरेज सेंटर चलता है। विशेष परिस्थिति में पूर्णियां ब्लड बैंक से रक्त मंगवाई जाती है।

    दो प्रखंडों में ब्लड स्टोरेज सेंटर खोलने की है योजना :

    सदर अस्पताल में ब्लड बैंक के अलावा रानीगंज व फारबिसगंज रेफरल अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सेंटर शुरू करने की योजना है। परंतु विभागीय लापरवाही और बीच में कोरोना काल के चलते तत्काल ग्रहण लगा हुआ है।

    - केंद्रीय टीम ने किया था निरीक्षण :

    सदर अस्पताल में ब्लड बैंक सेंटर खोलने के लिए अप्रैल 2020 में केंद्रीय टीम के

    निरीक्षण दल ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था। टीम के सदस्यों ने बताया था कि जिले में ब्लड बैंक की स्थापना को लेकर की जा रही कवायद अब अपने आखिरी चरण में है। इससे पहले राज्य स्तरीय टीम ने भी सदर अस्पताल के प्रस्तावित ब्लड बैंक सेंटर का मुआयना किया गया था। ब्लड बैंक की स्थापना को लेकर बरामदा, बाथरूम व गैलरी को छोड़ कर कम से कम 1076 वर्गफीट जगह की दरकार थी। सदर अस्पताल के ब्लड स्टोरेज सेंटर जिसे ब्लड बैंक के रूप में विकसित किया गया है। यहां 1135 वर्गफीट जगह भी उपलब्ध है, जो ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के अनुकूल है। ब्लड बैंक के लिये चिकित्सक, ए ग्रेड नर्स सहित दो लैब टेक्नीशियन भी यहां उपलब्ध हैं।

    अक्सर लोगों की जाती है जान :

    अररिया शहर होकर दो एनएच गुजरती है। एनएच 57 व 327 ई। इसके अलावा और कई सड़क मार्ग हैं। यहां हमेशा सड़क दुर्घटना होती रहती है। अस्पताल लाने पर ब्लड की कमी के कमी के कारण गंभीर रूप से घायल कई मरीजों की मौत हो जाती है। अधिकांश दुर्घटना के शिकार जख्मियों को रेफर कर दिया जाता है। अधिक खून बहने से और खून के चलते दूसरे जिले के अस्पतालों में ले जाने के कम में कईयों ने दमतोड़ दिया। लोगों को आस जगी थी कि ब्लड बैंक के खुलने से हादसे में मरने वालों की संख्या में कमी आएगी। हालांकि अबतक कितने रोगियों की मौत ब्लड की कमी के चलते हुई है इसका आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।

    कोट - ब्लड बैंक खोलने की प्रक्रिया करीब-करीब पूरी हो गई है। बहुत जल्द ब्लड बैंक खोलने की बात थी। परंतु कोरेाना के चलते विलंब हो रही है। केंद्रीय टीम द्वारा ब्लड बैंक खोलने से संबंधित हरी झंडी मिल गई है। बहुत जल्द जिले में ब्लड बैंक सेंटर खुलेगा।

    रेहान अशरफ, डीपीएम अररिया।