Araria News: फ्री में होगा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का इलाज, आने-जाने और रहने का भी खर्च देगी सरकार
अररिया जिले में अब थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों का मुफ्त इलाज हो सकेगा। मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना के तहत राज्य सरकार बोनमैरो ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च उठाएगी। सरकार ने सीएमसी वेल्लोर से करार किया है जिससे बच्चों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। 12 साल से कम उम्र के बच्चों के इलाज यात्रा आवास और दवा का खर्च भी सरकार देगी।

जागरण संवाददाता, अररिया। जिले के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का अब मुफ्त में इलाज संभव होगा। राज्य सरकार ने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए 'मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना' की शुरूआत की है। इसके तहत (Bihar Government Scheme 2025) बीमार बच्चों के बोनमैरो ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने सीएमसी वेल्लोर से करार किया है। राज्य सरकार की इस पहल से थैलेसीमिया पीड़ित उन बच्चों व उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट के बाद बीमार बच्चों को बार-बार खून चढ़ाने की मजबूरी से स्थाई तौर पर निजात मिल जायेगा।
आने-जाने और रहने का भी खर्च देगी सरकार
डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना राज्य सरकार की एक विशेष पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य थैलेसीमिया पीड़ित खास कर बच्चों का नि:शुल्क व समुचित इलाज सुनिश्चित कराना है।
इस योजना के तहत 12 से कम उम्र के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराने का प्रविधान है। इलाज के साथ-साथ यात्रा, आवास व दवा का खर्च भी सरकार ही वहन करती है।
बार-बार खून चढ़ाने की होती है जरूरत
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवांशिक रक्त विकार है। इसके मरीजों को जीवनपर्यंत नियमित अंतराल पर खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट इसका स्थाई समाधान हो सकता है। इसके लिये उपयुक्त डोनर की जरूरत होती है। जो सामान्यत: मरीज के भाई-बहन हो सकते हैं।
टेस्ट से यह आसानी से पता लगया जा सकता है कि परिवार में किसका बोनमैरो मरीज से मेल खाता है। ताकि बोनमैरो का ट्रासप्लांट सफलता पूर्वक संपन्न हो सके। यह एक चिकित्सकीय प्रक्रिया है। इसमें क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त अस्थि मज्जा को स्वस्थ अस्थि मज्जा कोशिकाओं में बदल दिया जाता है।
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