ईसाई मिशनरियों के जाल में फंसते दलित और आदिवासी, लालच देकर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन
अररिया के बथनाहा में ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीबों का धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। मिशनरी प्रलोभन देकर लोगों को ईसाई बना रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। धर्म जागरण मंच और विश्व हिंदू परिषद ने इस पर चिंता जताई है और इसे रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि यह हिंदू समाज के लिए खतरा है।

संवाद सूत्र, बथनाहा (अररिया)। ईसाई मिशनरी के जाल में गरीब, दलित एवं वंचित समाज के लोग फंस रहे हैं। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के भोले भाले लोग ईसाई मिशनरी के सॉफ्ट टारगेट बने हुए है, जहां मिशनरी से जुड़े लोग पहले उन्हें अपने शब्द जाल में फंसाते हैं, फिर लोभ प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कर दे रहे हैं।
मामला बथनाहा थाना क्षेत्र के शहवाजपुर पंचायत वार्ड संख्या दो राम टोला भद्रेश्वर का है, जहां रविदास समुदाय के अनेक परिवार ईसाई मिशनरियों के भ्रामक प्रचार में फंस एवं अंधविश्वास के बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्मावलंबी हो गए हैं, जिस कारण अब यहां प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन होता है।
मामले को लेकर धर्म जागरण मंच के उमानंद दास, छोटेलाल मंडल आदि ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि मिशनरियों द्वारा प्रपंच, धोखा एवं अंधविश्वास के सहारे लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। जो हिंदू समाज के लिए खतरे की बात है।
उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह तब हो रहा है जब अररिया के सांसद एवं फारबिसगंज के विधायक दोनों बीजेपी से हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में सरकार भी बीजेपी गठबंधन की ही है।
बताते चलें कि मिशनरी से जुड़े लोग समाज के दबे कुचले लोगों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फारबिसगंज अनुमंडल के सैफगंज, अंचरा एवं भंगही पंचायत स्थित संथाली टोला के कई आदिवासी पहले ही ईसाई बन चुके है और इन इलाकों में मंदिर नहीं चर्च में प्रार्थनाएं होती है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्व हिंदू परिषद के पूर्व जिला संयोजक मनोज सोनी ने कहा कि मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन का यह खेल जो छद्म तरीके से समाज में खेला जा रहा है, यह एक गंभीर मसला है। इसको रोकना अब अनिवार्य हो गया है। वहीं स्थानीय लोगों से मिली जानकारी अनुसार मिशनरी के लोग नेपाल से आते हैं।
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