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    अररिया विधानसभा चुनाव: आबिदुर्र-शगुफ्ता के बीच मुकाबला, जनसुराज और निर्दलीय उम्मीदवार बनेंगे कांटे

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 04:18 PM (IST)

    अररिया विधानसभा क्षेत्र में इस बार आबिदुर्र रहमान और शगुफ्ता अजीम के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। जनसुराज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। सभी उम्मीदवार मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, और मतदाताओं का रुख इस चुनाव में निर्णायक साबित होगा।

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    दो पुराने चेहरों के बीच जनसुराज और निर्दलीय बनेंगे कांटे। फोटो जागरण

    प्रशांत पराशर, अररिया। अररिया सीट पर नाम वापसी के बाद यूं तो दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लेकिन यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के सिटिंग विधायक आबिदुर्र रहमान और जदयू की शगुफ्ता अजीम के बीच ही माना जा रहा है।

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    पिछले चुनाव में भी दोनों आमने सामने थे। लेकिन इस बार के चुनावी मैदान में जनसुराज प्रत्याशी फरहत आरा बेगम और निर्दलीय शिवदीप लांडे इनकी राह में कांटे बन सकते हैं।

    दोनों की नजर यहां के मुस्लिम मतदाताओं पर है। शिवदीप लांडे यहां एसपी के रूप में कार्य कर चुके हैं। जिस कारण युवाओं के बीच उनकी अलग पहचान और पैठ है।

    अररिया विधानसभा में 42 फीसदी आबादी मुस्लिम समुदाय की है। इसमें भी कुल्हैया जाति की आबादी कुल में आधे से अधिक है। जीत का सेहरा भी कुल्हैया जाति की प्रत्याशी के इर्द-गिर्द घूमता रहा है।

    इस चुनाव में यहां से दस में सात मुस्लिम तो तीन हिंदू प्रत्याशी हैं। कांग्रेस, जदयू, जनसुराज के अलावा आम आदमी पार्टी से चंद्रभूषण, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी से मो आसिफ आलम, एआइएमआइएम से मो मंजूर आलम, राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल से मो राशिद अनवर, निर्दलीय गफूर, विशाल कुमार राय और शिवदीप लांडे हैं।

    वर्तमान विधायक आबिदुर्र रहमान (कांग्रेस) ने 2020 के चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी जदयू की शगुफ्ता अजीम को 47,936 वोटों के अंतर से हराया था।

    अररिया विधानसभा का 18 बार चुनाव हुआ। जिसमें अलग-अलग दलों व निर्दलीय के रूप में आठ बार मुस्लिम प्रत्याशी को जीत मिली है। जिसमें एक-दो को छोड़कर सभी कुल्हैया जाति के प्रत्याशी ही जीते हैं।

    अररिया विधानसभा का चुनाव परिणाम काफी दिलचस्प रहा है। बड़े-बड़े दिग्गजों की नजर इस सीट पर रहती है। अररिया विधानसभा सीट पर सबसे अधिक सात बार कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत मिली है।

    हालांकि, निर्दलीय प्रत्याशी के लिए भी यह जमीन काफी अच्छी रहा है। चार बार निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी है। दो बार भाजपा व दो बार लोजपा के प्रत्याशी भी जीत दर्ज करा चुके हैं।

    पूर्व गृह राज्य मंत्री दिवंगत तस्लीमउद्दीन भी 1980 में जेएनपी पार्टी से यहां के विधायक रहे थे। वर्तमान विधायक आबिदुर्रहमान लगातार दूसरी बार कांग्रेस से यहां के विधायक हैं।