मेडिकल छात्रों के डिग्री पर नेपाल यूनिवर्सिटी में लगी रोक : फारबिसगंज की लीड
संसू.जोगबनी(अररिया) अपने कैरियर की तलाश में नेपाल के विभिन्न कॉलेज में मेडिकल की पढ
संसू.,जोगबनी,(अररिया): अपने कैरियर की तलाश में नेपाल के विभिन्न कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र ,छात्राओं के प्रमाणपत्र देने पर नेपाल के काठमांडू विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी है जिससे छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटकर गया है। डिग्री रोके जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद भारत नेपाल सामाजिक संस्कृति मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा व सदस्यों ने इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया। उन्होंने प्रदेश एक के क्षेत्र संख्या 6( ख) से नेपाली कांग्रेस के प्रदेश सांसद सह प्रमुख सचेतक प्रदेश सभा केदार कार्की को मामले से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन दिया है । श्री कार्की ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का अधिकार किसी को नही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वह सदन में उठाने के लिए रविवार को ही समय लेंगे तथा सोमवार को नेपाल के संघीय राजधानी काठमांडू में इस विषय पर अपने दल के नेताओं के साथ सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग करेंगे। उन्होंने नेपाल सरकार को अगाह करते हुए कहा कि सरकार को यह नही भूलना चाहिये कि नेपाल भारत का संबंध पौराणिक काल से बेटी रोटी का है। कार्की ने इस दिशा में ध्यान आकृष्ट करने के लिए भारत नेपाल सामाजिक संस्कृति मंच को धन्यवाद दिया।
- किन कालेज के छात्र छात्राओं के डिग्री पर लगी है रोक
नेपाल के काठमांडू यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस काठमांडू, मणिपाल मेडिकल साइंस पोखरा, कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस भरतपुर चितवन, काठमाण्डू मेडिकल कॉलेज ,काठमाण्डू, नेपाल मेडिकल कालेज काठमांडू, नेपालगंज मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज, लुम्बिनी मेडिकल कॉलेज ,पाल्पा, नोबेल मेडिकल कॉलेज विराटनगर, विराट मेडिकल कॉलेज विराटनगर, देवदाह मेडिकल कॉलेज रूपेंदेही के हैं जिससे वर्तमान वर्ष में उत्तीर्ण भारतीय छात्र छात्राओं के प्रमाणपत्र पर रोक लगा दी है जिससे छात्र छात्राओं में आक्रोश पनप रहा है।
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