बेटा बना अधिकारी , मां ने कर्ज लेकर पढ़ने के लिए भेजा था पटना ---मातृ दिवस
फोटो नंबर 12 एआरआर 21 कैप्शन अपने माता पिता के साथ धर्मेंद्र ज्योतिष झा -अररिया जी
फोटो नंबर 12 एआरआर 21
कैप्शन: अपने माता पिता के साथ धर्मेंद्र
ज्योतिष झा
-अररिया: जीवन में माता-पिता से बड़ा कोई नहीं हो सकता क्योंकि उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से हीं मनुष्य जीवन की हर उपलब्धि हासिल कर सकता है। खासकर मां ममता की ऐसी प्रतिमूर्ति होती है जिनका आशीर्वाद पाकर कोई पुत्र दुनिया की बुलंदी को छू सकता है। उक्त बातें धर्मेंद्र कुमार ठाकुर उर्फ सुदर्शन मदर्स डे के अवसर पर मां के असीम प्यार और त्याग की कहानी की बातें जागरण संवाददाता से शेयर कर रहे थे। धर्मेंद्र मुंबई में कस्टम विभाग में अप्रेजल के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा जोकीहाट प्रखंड के जहानपुर जैसे छोटे से गांव में पढ़ लिख कर इतनी ऊंचाई पर पहुंच जाऊंगा कभी सपने में भी नहीं सोचा था। उनकी मां ने अर्थभाव के बावजूद अपने जिद पर अच्छी शिक्षा के लिए पटना भेज दी। कर्•ा लेकर कोचिग करवाया। पढ़ाई के दौरान माता पिता अर्थाभाव से गुजरे और जीवन के सभी सुख को त्याग कर हम भाई बहनों के सपनों को पूरा करने में अपनी जिदगी के अनमोल क्षण बिता दिए। लेकिन हम भाई बहनों के सामने कभी अपने दर्द को जबान पर उभरने नहीं दिया। उनके पिता चंद्रभूषण ठाकुर प्राथमिक विद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक हैं और मां गुलाबी देवी घर का संचालन करती है। उनके चार भाई मां के आशीर्वाद से पढ़लिखकर अपने पैरों पर खड़े हैं। बड़ा भाई जितेंद्र ठाकुर शिक्षक हैं दूसरा भाई प्रभु ठाकुर मुंबई में रेलवे में कार्यरत हैं जबकि सबसे छोटे भाई सिलीगुड़ी में इंजीनियरिग का छात्र है। धर्मेंद्र ने बताया कि उनकी मां का सपना था कि उनका बेटा पढ़लिख कर नाम रोशन करे। मां के सपने पूरे कर आज सुकून मिल रहा है। जिस मां ने नौ महीने अपने गर्भ में रखकर दुनिया में लाया और अपने बच्चों को दुनिया का सबसे अमूल्य रत्न बनाया उस मां को कोटि कोटि प्रणाम है। उन्होंने बताया कि घर से दूर रहकर भी रोज मां से बात कर उनसे आशीर्वाद लेता हूं। धर्मेंद्र ने कहा कि आप कितने महान हो जाएं लेकिन माता को सर्वोपरि स्थान दें।
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