Highways की बेहतर क्वालिटी और स्पीड के साथ देश को ग्लोबल स्टैंडर्ड वाले वाहन टायरों की जरूरत: नितिन गडकरी
गडकरी ने कथित तौर पर कहा है कि सरकार टायर निर्माताओं के लिए नए मानदंड तैयार करेगी जिससे टायर फटने से दुर्घटनाओं की संख्या में कमी सुनिश्चित होगी। गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार टायर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से सलाह-मशविरा करने के बाद इस गाइडलाइन को तैयार करेगी। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के वाहन टायरों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। उन्होने कहा कि देश के highways की गति और गुणवत्ता के अनुरूप ही वाहनों के टायर होने की आवश्यकता है।
मंत्री ने कथित तौर पर कहा कि भारत सरकार टायर निर्माताओं के लिए नए मानदंड तैयार करेगी, जिससे टायर फटने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में कमी सुनिश्चित होगी। गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार टायर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से सलाह-मशविरा करने के बाद इस गाइडलाइन को तैयार करेगी। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगे टायर
पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय कर रही है। इसको और धार देने के लिए गडकरी जल्द ही देश में टायर निर्माण के मानक निर्धारित कर सकते हैं। इसके बारे में उन्होने संकेत दिए हैं। Amritsar-Jamnagar Expressway निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजमार्गों में सुधार के साथ देश भर में वाहनों की गति में सुधार हुआ है।
टायरों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए जो प्रदर्शन की आवश्यकता को पूरा कर सके। गडकरी ने आगे कहा कि देश में बेहतर राजमार्गों के साथ वाहनों की गति में सुधार हुआ है। अब हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टायर बनाने होंगे। हम जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के टायरों की आवश्यकता के अनुसार मानदंड बनाएंगे ताकि टायर फटने से कोई दुर्घटना न हो।
देश में जबरदस्त स्पीड वाले हैं 32 हाईवे
मंत्री ने आगे कहा कि 32 ऐसे हाईवे बन रहे हैं जो बेहतर स्पीड के साथ आते हैं। इन सड़कों के बनने से रफ्तार बढ़ेगी, इसलिए वाहन के टायरों की गुणवत्ता भी अच्छी होनी चाहिए। गडकरी ने कहा, 'चूंकि अब ऐसे 32 हाईवे बन रहे हैं, तो न सिर्फ स्पीड बढ़ेगी, बल्कि टायर्स की क्वॉलिटी भी हम देखेंगे।' सड़कों के निर्माण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में 917 किलोमीटर लंबे 6 लेन के इकॉनमिक कॉरीडोर का काम इस साल अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में 637 किलोमीटर 6 लेन के इकॉनमिक कॉरीडोर के 550 किलोमीटर का 93 प्रतिशत हिस्सा पहले ही 15,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। यह कॉरिडोर पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के 15 जिलों से होकर गुजरेगा।