Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    गलती से डीजल कार में पड़ गया पेट्रोल? जानें ये Petrol गाड़ियों के कम्पैरिजन में कितनी खतरनाक?

    By Atul YadavEdited By: Atul Yadav
    Updated: Sun, 28 May 2023 08:00 PM (IST)

    डीजल और पेट्रोल दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं और यही वजह है कि गलत तेल पड़ने के कारण गाड़ी के इंजन को काफी नुकसान पहुंचता है। आइये आसान भाषा में समझते हैं ऐसा क्यों होता है। (जागरण फोटो)

    Hero Image
    जानें ये Petrol गाड़ियों के कम्पैरिजन में कितनी खतरनाक?

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। डीजल कार में गलती से पेट्रोल भरवा लेना या फिर पेट्रोल कार में गलती से डीजल डलवा लेना आम समस्या है। क्योंकि बाहर आप देखकर बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि गाड़ी पेट्रोल वेरिएंट है या फिर डीजल। पेट्रोल गाड़ी में डीजल डालना या डीजल गाड़ी में पेट्रोल भरना एक आम समस्या है। हालांकि, इन दोनों में से कौन सी समस्या ज्यादा गंभीर है? जबकि दोनों ही चीजें अपने तरह के खतरे पैदा कर सकती हैं, लेकिन डीजल गाड़ी में पेट्रोल डालना डीजल इंजन के लिए ज्यादा खतरनाक होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपको जानकारी के लिए बता दें, डीजल और पेट्रोल दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं और यही वजह है कि गलत तेल पड़ने के कारण गाड़ी के इंजन को काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं उन प्वाइंटड्स के बारे में। जहां आपको पता लगेगा कि पेट्रोल गाड़ी को अधिक नुकसान पहुंचता है या फिर डीजल कार को।

    कन्फ्यूजन के चलते हो जाती है ये गलती

    अनजान आदमी अगर आपकी गाड़ी लेकर पेट्रोल पंप पर जाता है तो उसको कन्फ्यूजन रहता है कि ये गाड़ी पेट्रोल से चलती है या डीजल से। इन्हीं कन्फ्यूजन के चलते कई बार लोग पेट्रोल गाड़ी में डीजल डलवा लेते हैं, वहीं डीजल कार में पेट्रोल, जिसके चलते  उनकी गाड़ी का इंजन सीज हो जाता है।

    कौन सबसे अधिक खतरनाक?

    यदि डीजल इंजन में पेट्रोल डाला जाता है, तो यह अधिक खतरनाक होता है क्योंकि पेट्रोल में जल्दी आग लगने वाली एक तरल पदार्थ होता है। जब इसे डीजल इंजन में डाला जाता है, तो इससे इंजन के अंदर उच्च दबाव बनता है। यह दबाव इंजन के पुर्जों को खराब कर सकता है और इससे इंजन बहुत कम समय में सीज हो जाता है। वहीं पेट्रोल इंजन में डीजल डालना भी खतरनाक होता है। लेकिन कम्पैरिजन की बता करें तो ये डीजल गाड़ी की तुलना में थोड़ी होती है।