अगर आपके स्कूटर में है Lithium Ion बैटरी तो जरूरी है ये सावधानी, जरा-सी चूक से लग सकती है आग
देश में इलेक्ट्रिक वाहन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। उतनी ही तेजी से ईवी में आग लगने की समस्या भी बढ़ती जा रही है। Electric Scooter लिथियम-आयन बैटरी से चलते हैं। इसमें जरा-सी लापरवाही भाारी पड़ सकती है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अगर आप अपने लिए एक नई इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि Electric Scooter में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। आजकल जितनी तेजी से चलन बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से ईवी में आग लगने की समस्या सामने आ रही है। आपको बता दें कि लिथियम ऑयन बैटरी का उपयोग सेल फोन और स्मार्ट वॉच में भी किया जाता है।
कैसे काम करती है लिथियम ऑयन बैटरी
ली-आयन बैटरी में एक एनोड, कैथोड, सेपरेटर, इलेक्ट्रोलाइट और दो करंट कलेक्टर होते हैं। एनोड और कैथोड वो जगह है जहां लिथियम जमा होता है। जबकि इलेक्ट्रोलाइट पॉजिटिव चार्ज लिथियम आयनों को एनोड से कैथोड तक ले जाता है। एनोड में इलेक्ट्रॉनों का निर्माण होता है।
दूसरे बैटरी के मुकाबले अधिक शक्तिशाली
दूसरे बैटरी के मुकाबले लिथियम आयन बैटरी काफी शक्तिशाली होती है। इसकी उम्र लैड एसिड बैटरी की तुलना में अधिक लंबी होती है। लैड एसिड बैटरी की तुलना में ली-आयन बैटरी आमतौर पर 150 वाट-घंटे प्रति किलोग्राम स्टोर कर सकती है। जो 25 वाट-घंटे प्रति किलोग्राम स्टोर करती है।
क्यों लगती है आग
आग लगने के कई कारण होते हैं, जिसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है। कई बार बैटरी की खराबी के कारण भी आग लगती है। या फिर चार्जिंग और शॉर्ट सर्किट लापरवाही के कारण भी आग लग सकती है। इस पर वाहन निर्माता कंपनियों का कहना है कि बैटरी के निर्माण में कमी, चार्जिंग के दौरान होने वाली सामान्य लापरवाही के कारण भी लिथियम ऑयन बैटरी में आग लग सकती है।
जब फेल हो जाए बैटरी सेल
दरअसल, बैटरी पैक के अंदर सैकड़ों छोटे सेल लगे होते हैं। ऐसे में एक बैटरी पैक के अंदर लगी कोई सेल खराब हो जाए या फिर शार्ट सर्किट हो जाए तो एक सीरीज बन जाती है और बैटरी के अंदर आग लग जाती है।
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