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    क्या है Flex Fuel? जानें इसके फायदे और चुनौतियां

    Updated: Sun, 07 Jul 2024 11:30 AM (IST)

    What is Flax Fuel देशभर में जल्द ही फ्लेक्स फ्यूल तकनीक से चलने वाली कारें दिखाई देंगी। इसके इंजन को इस तरीके से तैयार किया जाता है कि यह पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण से चल सकें। जिसकी मात्रा 100 फीसदी तक होती है। इसके साथ ही यह इंजन को शक्ति प्रदान करने के लिए बैटरी का इस्तेमाल भी कर सकेंगे।

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    फ्लेक्स फ्यूल के किस तरह से काम करती है।

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हाल फिलहाल में आपने फ्लैक्स फ्यूल वाहनों के बारे में सुना होगा। इसका सीधा रिश्ता लोगों की जेब से है। आइए जानते हैं कि फ्लेक्स फ्यूल तकनीक क्या है और इससे लोगों को कैसे फायदा मिलेगा। साथ ही हम आपको हम बता रहे हैं भविष्य में इस तकनीक के सामने कैसी चुनौतियों के बारे में भी बता रह हैं।

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    क्या है फ्लेक्स फ्यूल टेक्नॉलजी

    यह फ्यूल गाड़ियों और पर्यावरण के अनुकूल हैं। ये पेट्रोल वाहनों की तरह ही होते हैं, लेकन ये इथेनॉल और पेट्रोल के मिश्रण से चलते हैं। यह मिश्रण एक अनुपात पूर्व-निर्धारित सीमा में लचीला होता है, इसलिए इन्हें फ्लेक्स फ्यूल कहा जाता है। जहां एक तरफ फ्यूल की कीमतें लगातार उतार-चढ़ाव करती रहती हैं। जिसकी वजह से फ्लेक्स फ्यूल टेक्नॉलॉजी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

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    कैसे काम करता है फ्लेक्स फ्यूल

    फ्लेक्स फ्यूल वाहन पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन का इस्तेमाल करके संचालित होते हैं, ईंधन में इथेनॉल के मिश्रण को अलग-अलग लेवल के अनुकूल होने के लिए कुछ बदलाव किए जाते हैं। विशेष रुप से डिजाइन किए गए इंजन, सेंसर और ईंधन वितरण प्रणालियों से से सुसज्जित है जो उपयोग किए जा रहे ईंधन में इथेनॉल सामग्री को स्वचालित रूप से समायोजित कर सकते हैं। यह फ्यूल यह सुनिश्चित करता है कि वाहन ईंधन मिश्रण की परवाह किए बिना कुशलतापूर्वक परफॉर्मेंश दें।

    फ्लेक्स फ्यूल के फायदे

    फ्यूल की कीमत होगी कम

    यह वाहन चालकों को फ्यूल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव के अनुसार ईंधन चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर इथेनॉल की कीमत पेट्रोल से कम है, तो चालक इथेनॉल मिश्रण का अधिक अनुपात चुनाव कर सकता है।

    कम प्रदूषण करता है

    यह एक स्वच्छ ईंधन है, जो वायु प्रदूषण को कम करता है। यह पारंपरिक पेट्रोल की तुलना में कार्बन मोनेऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करता है।

    एनर्जी सेविंग

    फ्लेक्स फ्यूल टेक्नॉलॉजी देश में आयात होने वाले तेल पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। इसका इस्तेमाल घरेलू रूप से किया जा सकेगा, जिससे एनर्जी सेविंग को बढ़ावा मिलेगा।

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    फ्लेक्स फ्यूल टेक्नॉलजी की ये है चुनौतियां

    फ्यूल इन्फ्रास्ट्रक्चर

    मौजूदा समय में भारत में फ्लेक्स फ्यूल स्टेशन ज्यादा नहीं हैं। इसकी वजह से फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियों का इस्तेमाल सीमित मात्रा में किया जा सकता है।

    ईंधन की कीमत

    इथेनॉल की कीमतें सरकारी सब्सिडी पर निर्भर करती है। अगर इसपर सब्सिडी कम होती है, तो तो इथेनॉल पेट्रोल से ज्यादा महंगा हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो फ्लेक्स फ्यूल वाहनों का फायदा कम हो जाएगा।

    वाहनों की कीमत

    फ्लेक्स फ्यूल वाहन आम तौर पर पेट्रोल या फिर डीजल वाहनों की तुलना में थोड़े महंगे होतो हैं।

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