Viral Video: शोबाजी के चक्कर में बारालाचा पास पर फंसी कई गाड़ियां, रेस्क्यू में उतरी भारतीय सेना
हिमाचल प्रदेश के बारालाचा पास का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग अपनी गाड़ियों से स्टंट करते हुए फंस गए। भारतीय सेना को उनकी गाड़ियों को निकालने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा, जो उनके संसाधनों का दुरुपयोग है। ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में लापरवाही से वाहन चलाने और स्टंट करने से पर्यावरण और अन्य यात्रियों को जोखिम होता है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के बारालाचा पास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग अपनी गाड़ियों से स्टंट करते हुए दिखाई दे रहे हैं और रास्ते में फंस जाते हैं। वहां पर ऐसे फंसी हुई लोगों की गाड़ियों के रेस्क्यू करने के लिए भारतीय सेना के कुछ सैनिकों और वाहनों को तैनात भी किया गया है। आइए इस वायरल वीडियो के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बारालाचा पास फंसी गाड़ियों का वायरल वीडियो
बारालाचा पास जैसे क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील हैं, जहां वाहनों का आना-जाना पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। इन क्षेत्रों में वाहनों को लाकर स्टंट करना या दिखावा करना बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना है। वहां के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लोगों के स्टंट करने के चक्कर में अपनी गाड़ियों को फंसाकर न केवल खुद को, बल्कि दूसरे यात्रियों और पर्यावरण को भी जोखिम में डाला है। यहां पर लोगों की फंसी गाड़ियों को निकालने के लिए भारतीय सेना की क्रेन को लगाया गया है। जिसकी मदद से उन्हें बाहर निकाला जा रहा है।
Some people will never learn. In an eco sensitive zone, just to flaunt and make reels, they drive offroad and get stuck. Indian armed forces had to come for rescue but is this what they are meant for? Heavy fines and strict guidelines should be issued for such nonsense. pic.twitter.com/rjDOn9llx8
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) June 25, 2025
सैन्य संसाधनों का दुरुपयोग
ऐसे मामलों में भारतीय सेना को हस्तक्षेप करना पड़ता है, जो मूल रूप से उनकी जिम्मेदारी नहीं है। सेना को राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों में ही तैनात होना चाहिए, न कि नागरिकों की लापरवाही को सुधारने के लिए इस तरह के स्टंट्स से सेना के कीमती समय और संसाधन बर्बाद होते हैं, जो अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस्तेमाल हो सकते थे।
सख्त नियमों की जरूरत
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमों और भारी जुर्माने की जरूरत है। सरकार और एनजीटी को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इन संवेदनशील क्षेत्रों में वाहनों के उपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करना भी जरूरी है।
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