Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन वजहों से गाड़ियों में लगती है आग, बचने के लिए जरूर फॉलो करें ये टिप्स

    By Atul YadavEdited By: Atul Yadav
    Updated: Sat, 21 Jan 2023 02:41 PM (IST)

    कार में फायर एस्टिंगुशर अवश्य रखें और अच्छी कंपनी का लें। रखने से पहले उसे आपरेट करना भी आपको आना चाहिए। फायर एस्टिंगुशर तत्कालिक सुरक्षा की दृष्टि से बेहद जरूरी है। कार की समय-समय पर अथराइज्ड सर्विस सेंटर पर सर्विसिंग कराएं। कंपनी फिटेड एसेसीरीज से कतई छेड़छाड़ न करें।

    Hero Image
    फायर एस्टिंगुशर तत्कालिक सुरक्षा की दृष्टि से बेहद जरूरी है। (जागरण फोटो)

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके गाड़ी में कभी आग न लगे तो इस खबर को जरूर पढ़ें, जहां आपको बताने जा रहे हैं उन बातों के बारे में जिससे गाड़ी में आग लगती है, वहीं इस तरह की घटनाओं से बचने के उपायों का भी जिक्र करने जा रहे हैं। इन खास वजहों से लगती है आग

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    • चलती कार में आग लगने का मुख्य कारण ओवर हीटिंग, फ्यूल लीकेज अथवा वायरिंग में शार्ट सर्किट होना होता है। इसलिए कार में की वायरिंग पर मानक से अधिक एसेसीरीज लगवाकर उस पर लोड नहीं देना चाहिए।

    • कार की समय-समय पर अथराइज्ड सर्विस सेंटर पर सर्विसिंग कराएं। कंपनी फिटेड एसेसीरीज से कतई छेड़छाड़ न करें। क्योंकि कंपनी अपने मानकों के अनुसार टेस्टिंग करके गाड़ी की क्षमता के अनुसार वायरिंग करती है। जब आप बाहर मैकेनिक को गाड़ी देकर उसमें अधिक एसेसीरीज लगवाते हैं तो कार की वायरिंग पर अधिक जोर पड़ता है। इस लिए गाड़ी जल्दी हीट होती है, शार्ट सर्किट होता है और आग लगने का कारण बतना है।
    • कार में फायर एस्टिंगुशर अवश्य रखें और अच्छी कंपनी का लें। रखने से पहले उसे आपरेट करना भी आपको आना चाहिए। फायर एस्टिंगुशर तत्कालिक सुरक्षा की दृष्टि से बेहद जरूरी है।
    • सीएनजी फिटेड गाड़ियों में उसकी वायरिंग को प्रापर चेक करते रहना चाहिए। खासकर इसके तीन प्वाइंट की चेकिंग करनी चाहिए एक तो सिलिंडर के पास नाब, दूसरा पाइप फिटिंग के पास नट बोल्ट और तीसरा सेफ्टी वाल के पास देखते रहना चाहिए कि कहीं लीकेज तो नहीं है।

    यह भी पढ़ें

    येलो या व्हाइट? आपके गाड़ी के लिए कौन से रंग की रोशनी रहेगी बेस्ट

    सीएनजी और ईवी गाड़ियों को लेकर हैं कन्फ्यूज? आसान भाषा में समझें दोनों के फायदे और नुकसान