वाहन की RC रिन्यू कराने पर अब आएगा 8 गुना ज्यादा खर्च, सरकार नए नियम को लाने पर कर रही विचार
जहां अभी बाइक की RC को रिन्यू कराने के लिए महज 300 रुपये चुकाने होते हैं नए नियम के लागू होने के बाद आपको इसके लिए 1000 रुपये चुकाने होंगे। इसके साथ ही 15 साल पुराने ट्रक या बस को रिन्यू कराने के लिए 12500 रुपए देने होंगे।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Vehicle RC Renewal Update: सरकार देश में प्रदूषण को कम करने के लिए सख्ती से काम कर रही है। सबसे पहले स्क्रैप पॉलिसी और ग्रीन टैक्स को पारित किया गया था जिसके बाद अब सरकार ने 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को रिन्यू कराने पर एक नया प्रस्ताव पेश किया है। जिसके तहत आपको 8 गुना ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। हालांकि यह नया नियम 15 साल पुराने वाहनों पर लागू होगा।
कुल मिलाकर जहां अभी बाइक की RC को रिन्यू कराने के लिए महज 300 रुपये चुकाने होते हैं, नए नियम के लागू होने के बाद आपको इसके लिए 1000 रुपये चुकाने होंगे। इसके साथ ही 15 साल पुराने ट्रक या बस को रिन्यू कराने के लिए 12,500 रुपए देने होंगे जो वर्तमान में रिन्यूअल राशि से करीब 21 गुना ज्यादा है। यदि कोई निजी मालिक ऐसा करने में विफल रहता है तो प्रत्येक माह 300 रुपये से 500 रुपये देने होंगे।
जानकारी के लिए बता दें, केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) नियम 2021 जारी किया है, जिसके तहत 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र के रिन्यूअल और आरसी रिन्यू कराने पर ली जानें वाली राशि में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। जो 1 अक्टूबर 2021 से लागू होगा।
मसौदा अधिसूचना के अनुसार अगर किसी के पास 15 वर्ष से अधिक पुरानी कार है, तो उसके रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने के लिए 5,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्तमान मूल्य से यह राशि आठ गुना अधिक है। वहीं दोपहिया वाहनों के लिए रिन्यूअल शुल्क 300 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही 15 साल से अधिक पुराने आयात किए गए वाहनों के लिए यह शुल्क 40,000 रुपये है। वहीं टैक्सी या कैब के लिए यह शुल्क 7,000 रुपये होगा और तिपहिया या क्वाड्रासाइकिल के लिए यह राशि 3,500 रुपये तक रखी जाएगी। पुराने वाहनों नए वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। सरकार ने पहले कहा था कि वह पुराने वाहनों को बदल इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों जैसे कि सीएनजी, इथेनॉल और एलपीजी पर ग्रीन टैक्स लगाने की योजना बना रही है।
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