कितने प्रकार के होते हैं DL? लाइसेंस के महत्व को समझने के लिए जान लें इनके काम
वाहन चालने के लिए एक विशेष प्रकार के डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। जिसको हम ड्राइविंग लाइसेंस कहते हैं। भारत में 4 प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस होते हैं जिसका जिक्र हम इस खबर में करने वाले हैं। तो आइये जानते हैं..

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। अगर कोई व्यक्ति बिना DLके वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे भारी चालान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार के बारे में और उसके काम के बारे में।
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार
ऐसे कई प्रकार के वाहन हैं, जो भारतीय सड़कों पर चलते हैं। यहां 4 प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस होते हैं। जिसका जिक्र हम नीचे करने वाले हैं। इस खबर में हम क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए विभिन्न प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंसों पर चर्चा करेंगे।
1. Learner’s Licence
लर्निंग लाइसेंस एक तरह का अनुमति पत्र है जो कि आपको सड़क पर किसी जानकार व्यक्ति जिसके पास खुद का पक्का लाइसेंस हो, उनके निरीक्षण में आपको गाड़ी चलाने की अनुमति प्रदान करता है। हालांकि, यह लाइसेंस केवल 30 दिनों के लिए वैलिड रहता है।
2. Permanent Driving Licence
लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के 30 दिनों के बाद ही कोई व्यक्ति स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का पात्र बन सकता है। परमानेंट डीएल प्राप्त करने के बाद आवेदक पूरे भारत में गाड़ी चलाने का पात्र बन जाता है।
3. Commercial Driving Licence-
यह एक विशेष ड्राइविंग लाइसेंस है, जो उन व्यक्तियों को जारी किया जाता है जो यात्रियों या सामानों के परिवहन जैसे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भारी मोटर वाहन, मध्यम मोटर वाहन और हल्के माल परिवहन मोटर वाहन चलाते हैं।
4. International Driving Permit-
यह परमिट उन व्यक्तियों को जारी किया जाता है, जो विदेश में ड्राइव करना चाहते हैं। यह परमिट प्रमाणित करता है कि व्यक्ति के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है और वह विदेश में गाड़ी चलाने के योग्य है।

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