नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आप जब भी बाहर जाते होगे तो आपने बहुत सी कारों में काले रंग की खिड़कियों को देखा होगा। लेकिन भारत में इन पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसी खिड़कियों को टिंटेड विंडो भी कहा जाता है। इसको बैन करने के पीछे कई कारण हैं। चलिए, आपको इससे जुड़ी जानकारी देते हैं।
क्या होते हैं टिंटेड ग्लास?
कार के अंदर सूरज की रोशनी को रोकने के लिए अधिक्तर लोग अपनी कार में टिंटेड ग्लास का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए फीचर्स के तौर पर सनफिल्म को कारों की खिड़कियों पर लगााया जाता है। ये काले या भूरे रंग से रंगा हुआ रहता है, जिसे ग्लास पर लगाने से बाहर से आने वाली किसी भी तरह की रोशनी को कम हो जाती है, या फिर पूरी तरह से रुक जाती है। बाहर से देखने पर इन ग्लास के अंदर कुछ नहीं दिखाई देता।
क्या है टिंटेड ग्लास के फायदे?
गर्मी के दिनों में सीधी धूप से बचने के लिए कुछ लोग कार की खिड़कियों पर टिंटेड ग्लास का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा ये ग्लास आपके कार के इंटीरियर को सूरज की रोशनी से खराब होने से बचाता है। इसके कारण कार के अंदर का भी कुछ दिखाई नहीं देता है।
भारत में क्यों है प्रतिबंधित
कई आपराधिक मामलों में पाया गया कि कार के अंदर गहरे रंग वाली खिड़की से कई तरह के क्राइम हो रहे हैं, इसलिए अपराधों पर लगाम लगाने के लिए भारत में टिंटेड ग्लास पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कार दुर्घटनाओं को कम करने के लिए भी इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।
सारी टिंटेड खिड़कियों पर प्रतिबंध नहीं
सभी तरह के टिंटेड खिड़कियों पर बैन नहीं लगाया गया है। सरकार केवल सनफिल्मों पर ही प्रतिबंध लगाती है। आप 50 से 70 प्रतिशत VLT वाले फिल्म या विंडो का इस्तेमाल कर सकते हैं तो इससे किसी भी तरह का कोई भी जुर्माना नहीं लगता है।
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