Tata ला रही क्यूट सी इलेक्ट्रिक कार, सेल्फ-ड्राइविंग समेत मिलेंगे एडवांस फीचर्स
टाटा मोटर्स ने हाल ही में Tata Yu ऑटोनोमस सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल को पेटेंट करवाया है। यह एक सेल्फ ड्राइविंग वाली गाड़ी होने वाली है। जिससे सामान डिलीवरी करने से लेकर कैब तक की तरह एक जगह से दूसरी जगह पर आने जाने के लिए किया जा सकेगा। कंपनी ने इसे अभी एक कॉन्सेप्ट के रूप में पेश किया है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में भारतीय वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने ऐसी गाड़ी का पेटेंट फाइल किया है, जो खुद-ब-खुद (Automated Vehicles) चल सकती है। यह ऑटोमेटिक व्हीकल न केवल सामान डिलीवरी कर सकती है, बल्कि लोगों को उनके मंजिल तक भी पहुंचा सकती है। टाटा की इस ऑटोमेटिक गाड़ी का नाम Tata Yu है, जो सेल्फ ड्राइविंग फीचर के साथ आती है। आइए जानते हैं कि Tata Yu कैसे काम करती है और यह किन फीचर्स से लैस होने वाली है।
Tata Yu कैसे काम करता है?
- इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे यह सामान और लोगों को एक साथ लेकर चल सकें। इसके बीच वाले भाग में बड़ी जगह दी गई है, जहां पर ई-कॉमर्स पार्सल रखे जा सकते हैं, जिन्हें अलग-अलग साइज के बॉक्स में भरा जा सकता है। इनको सीधे गोदाम से कलेक्ट करके उनकी डिलीवरी वाले पते पर पहुचाया जा सकता है। इससे पार्सल को दो तरीकों से वितरित किया जा सकता है।
- कुछ जगहों पर ऑटोमेटिक ट्रांसफर सिस्टम उपलब्ध होता है, जहां पर पार्सल सीधे इससे पहुंचाए जा सकते हैं। आगे चलकर इस सिस्टम को ऑफिस और आवासीय परिसर में स्थापित किए जा सकते हैं।
- इस सिस्टम में वर्कर्स को पैकेज के बारे में जानकारी दी जाती है। वह उस पैकेज को निर्धारित जगह से हासिल करते हैं और इसे डिलीवरी करने के बाद कमीशन को हासिल कर सकते हैं।
- Tata Yu का इस्तेमाल एक टैक्सी की तरह भी किया जा सकेगा। लोग अपनी मंजिल तक जाने के लिए ऐप के जरिए बुक कर सकेंगे। अगर कोई वैन उसी दिशा में जा रही है, तो वह इस वैन में सवार हो सकते हैं। सफर पूरा होने के बाद ऐप के जरिए ही पेमेंट हो जाएगा। इस वैन से दो लोग एक साथ सफर कर सकेंगे।
Tata Yu के फीचर्स
Tata Yu 3,700 मिमी लंबी, 1,500 मिमी चौड़ी और 1,800 मिमी ऊंची हो सकती है। इसे हब-माउंटेड मोटर्स के जरिए संचालित किया जाएगा। अभी तक कंपनी की तरफ से इसकी बैटरी कैपेसिटी और रेंज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। हाल में यह एक कॉन्सेप्ट के रूप में है और इसे बनाने में कई साल लग सकते हैं। यह न केवल ऑटोमेटिक गाड़ी होगी, बल्कि स्मार्ट शहरों, गिग इकॉनमी और स्वचालित परिवहन प्रणालियों के भविष्य का एक संकेतक भी हो सकता है।
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