खस्ताहाल सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- खराब सड़कों के लिए नागरिकों से टोल नहीं वसूला जा सकता
सुप्रीम कोर्ट ने NHAI की याचिका खारिज करते हुए केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें त्रिशूर जिले में NH544 पर खराब सड़क के कारण टोल वसूली पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को खराब सड़कों के लिए टोल देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता खासकर जब वे पहले से ही वाहन कर का भुगतान कर रहे हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने केरल हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी। केरल हाईकोर्ट ने खराब सड़क की स्थिति और यातायात में रुकावट का हवाला देते हुए त्रिशूर जिले में NH544 पर चार हफ्तों के लिए टोल वसूली पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही आदेश देते हुए कहा गया कि हाई कोर्ट को यह निर्देश इसलिए देना पड़ा क्योंकि NHAI अधिकारियों ने स्थिति को सुधारने के लिए दिए गए उसके पिछले आदेशों का पालन नहीं किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
- हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से स्थिति पर निगरानी बनाए रखने को कहा ताकि यातायात सुगम बना रहे। बेंच ने साफ किया कि जब नागरिक पहले से ही वाहन कर का भुगतान कर रहे हैं, तो उन्हें खराब सड़कों के लिए टोल देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
- इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश में कहा कि नागरिकों को उन सड़कों पर चलने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, जिनके इस्तेमाल के लिए वे पहले ही टैक्स का भुगतान कर चुके हैं और गटर-गड्ढों से भरी सड़कों को पार करने के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना चाहिए, जो अक्षमता के प्रतीक हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने सड़क निर्माण की बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर विधि, अत्यधिक टोल वसूली, सड़कों की खस्ताहाल स्थिति, और इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण और नागरिकों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी असंतोष व्यक्त किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये भी बात
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह एक दुखद सच्चाई है कि लोकतंत्र में, सड़कें बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर कॉन्ट्रैक्ट के तहत बनाई जाती हैं, ताकि इस्तेमाल करने वालों से लागत वसूली जा सके, जबकि वे पहले से ही मोटर वाहन कर का भुगतान कर चुके हैं। यह एक कॉमेडी ऑफ एरर्स है कि सफल बोली लगाने वाला निर्माण और रखरखाव पर खर्च से बहुत अधिक कमाता है। यह एक दुखद सच्चाई है कि सड़कें अक्सर प्रकृति की अनियमितताओं और लापरवाही के कारण खराब हो जाती हैं। टोल बूथों पर टोल कर्मचारी, जो अक्सर कम कर्मचारियों और अधिक काम के कारण, एक तानाशाह की तरह व्यवहार करते हैं, यह एक हकीकत है। यह एक त्रासदी है कि बेचारा नागरिक कतार में घंटों तक इंतजार करने के लिए मजबूर है, और इंजन चालू रहने के बावजूद भी गाड़ी मुश्किल से हिलती है।

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