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    Rolls Royce से लेकर Ferrari तक, हर 'लोगो' के पीछे छिपी है एक दिलचस्प कहानी

    By Sonali SinghEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 04:02 PM (IST)

    Super Luxury Car logo सुपर लग्जरी कार जैसे कि फेरारी मर्सिडीज और रोल्स रॉयस के लोगो उनकी पहचान तो दिलाते ही हैं साथ ही इसके बनने के पीछे कई कहानियां भी छिपी हुई है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। आज हम उन्ही की बात करेंगे।

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    Super Luxury Car Logos Design And Their Making Story

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Super Luxury Car Logo: चाहे मर्सिडीज हो या फेरारी, सुपर लग्जरी कारों की खासियत है कि इनका लोगो (ब्रांड की चिन्ह) ही इनकी पहचान दिलाने के लिए काफी है। फेरारी का घोड़े वाला निशान या ऑडी का छल्ले वाला निशान, जब कभी भी ये हाई-एंड गाड़ियां सड़कों से गुजरती हैं तो दूर से ही इन्हे पहचाना जा सकता है।

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    पर शायद आपको नहीं पता होगा कि इन कारों को पहचान दिलाने वाले ये लोगो सिर्फ ब्रांड को ही नहीं प्रदर्शित करते हैं, बल्कि इनके पीछे बहुत सी दिलचस्प कहानियां है। आज हम इन्हे कहानियों के बारे में जानेंगे, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।

    रोल्स रॉयस (Rolls Royce)

    रोल्स रॉयस के लोगो में लड़की की मूर्ति दिखाई देती है, जिसे ‘स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी’ (Spirit of ecstasy) कहा गया है।

    वैसे तो इस लोगो को शानदार स्पीड, कंपन की अनुपस्थिति और बहुत-से ऊर्जा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। पर कहा जाता है कि रोल्स-रॉयस के मालिक लॉर्ड मोंटेगु ने इस लग्जरी कार के लोगो के लिए जिस प्रतिमा को चुना है, वह उनकी सेक्रेटरी और प्रेमिका एलेनोर वेलास्को थॉर्नटन की है। लोगो को बनाने का काम चार्ल्स साइक्स को दिया गया, जिसने हवा में लहराते हुए एक युवती की एक प्रतिमा बनाई और इसका नाम "द व्हिस्पर" रखा।

    मर्सिडीज बेंज (Mercedes-Benz)

    जर्मन ऑटोमोटिव दिग्गज मर्सिडीज-बेंज की सिल्वर थ्री-पॉइंट स्टार वाली लोगो को तो अपने देखा होगा। मर्सिडीज-बेंज को आज से करीब 100 साल पहले पहली बार इस्तेमाल किया गया था। इसके संथापक गोटलिब डेमलर और कार्ल बेंज थे, जो कि पेश से एक इंजीनियर भी थे, ने हवा, पानी और जमीन पर अपने वाहनों को चलाने का सपना देखा था।

    इस कारण गॉटलिब डेमलर ने एक सिल्वर रिंग में स्टार का प्रतिनिधित्व किया। इसे स्टार के शेप में ही लिया गया क्योंकि "3" की संख्या को पानी, वायु और भूमि के तत्वों को मिलाकर पवित्र चिन्ह के रूप में पहचाना जाता था।

    फेरारी ( Ferrari)

    उछलता हुआ घोड़ा, पीले रंग की शील्ड और ऊपर की तरफ हरी और लाल पट्टी, फेरारी के इस लोगो को तो आप जानते ही होंगे। इसे गुड लक और इटली के राष्ट्रीय ध्वज के निशानी के तौर पर देखा जाता है।

    कहा जाता है कि 1923 में, रेवेना में होने वाले एक कार रेस में एंज़ो फेरारी ने एक रेस जीतने के बाद व्यक्तिगत रूप से काउंट एनरिको बाराका और काउंटेस पाओलिना बाराका से मिलने का अवसर जीता। उस समय काउंटेस ने सुझाव दिया था कि एंज़ो को अपने वाहनों को अच्छे भाग्य के लिए उछलते घोड़े के साथ ब्रांड करना चाहिए। तब से यह घोड़ा फेरारी के लोगो में शामिल कर लिया गया। यह भी कहा जाता है कि इसे लोगो में शामिल करने के बाद से फेरारी को कभी पीछे मुड़कर देखने की नौबत नहीं आई।

    लेम्बोर्गिनी (Lamborghini)

    लेम्बोर्गिनी के लोगो में एक काले रंग के शील्ड में गोल्डन रंग के बुल (बैल) को रखा गया है, जिसके चारों साइड पर गोल्डन पट्टी नजर आती है। कहा जाता है कि लेम्बोर्गिनी के संस्थापक फेरुशियो लेम्बोर्गिनी का जन्म वृषभ राशि में हुआ था, और उन्हें बुलफाइटिंग का शौक था, इस कारण लोगो पर बुल को रखा गया। फेरुशियो ने अपने जीवन के दौरान कई बुलफाइटिंग कार्यक्रमों में भाग भी लिया। उनका मानना ​​था कि बैल एक शक्तिशाली और सुरुचिपूर्ण प्राणी था। इसलिए ऑटोमोबाइल ब्रांड के लिए यह एकदम सही प्रतीक है।

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