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    अलविदा रतन टाटा: Tata Motors का कमर्शियल व्हीकल से पैसेंजर व्हीकल तक का सफर

    Updated: Thu, 10 Oct 2024 11:04 AM (IST)

    Ratan Tata Passes Away टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्टूबर की रात को देहांत हो गया। उन्होंने भारत में पहली स्वदेशी कार पेश की थी। रतन टाटा ने Tata Group को आगे बढ़ाने के साथ ही टाटा मोटर्स को भी भारत की टॉप ऑटो कंपनी में से एक बनाया है। आइए जानते हैं कि स्वर्गीय Ratan Tata ने कैसे Tata Motors को आगे बढ़ाया।

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    Tata Moters ने भारत की पहली कार लॉन्च की थी।

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है. ये वही हस्ती हैं, जिन्होंने भारत में पहली स्वदेशी कार पेश की थी. रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को आगे बढ़ाने के साथ टाटा मोटर्स को भारत की टॉप ऑटो कंपनी में से एक बनाया. आइए जानते हैं कि पहली भारतीय कार कौन सी थी और टाटा मोटर्स किस तरह देश की प्रमुख ऑटो कंपनी बनी.

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    आजादी से पहले हुई Tata Motors शुरुआत

    टाटा मोटर्स की शुरुआत आजादी से पहले 1945 में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) के रूप में हुई थी। बाद में इस कंपनी का बदलकर टाटा मोटर्स कर दिया गया। उस समय कंपनी ट्रेन के इंजन बनाने का काम करती थी। उस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। इस दौरान टाटा ने भारतीय सेना को एक टैंक दिया था, जिसे टाटानगर टैंक नाम दिया गया। इसने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।

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    1991 लॉन्च की पहली कार

    कुछ समय के बाद टाटा कंपनी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कदम रखा और मर्सिडीज बेंज के साथ भागीदारी की। इसके बाद कंपनी ने साल 1954 कमर्शियल व्हीकल लॉन्च किया। यह पार्टनरशिप 1969 तक ही चली। इसके बाद कंपनी ने 1991 में पैसेंजर व्हीकल के क्षेत्र में कदम रखा। इस क्षेत्र में कदम रखते ही कंपनी पहली पहली स्वदेशी गाड़ी टाटा सिएरा (Tata Sierra) को साल 1991 में लॉन्च किया था। कुछ लोग टाटा इंडिका को भारत की पहली स्वदेशी कार कहते हैं।

    इंडिका से बदली टाटा मोटर्स की किस्मत

    • टाटा सिएरा के बाद कंपनी ने टाटा ऐस्टेट और टाटा सूमो को भारतीय बाजार में उतारा। टाटा सूमो को भारत में लोगों ने हाथो हाथ लिया, लेकिन सबसे ज्यादा कामयाबी टाटा मोटर्स को टाटा इंडिका से मिली। यह टाटा की पहली फैमिली कार थी। इसे साल 1998 में लॉन्च किया गया था। यह कार पूरे देश में छा गई।
    • टाटा इंडिका ने मारुति को टक्कर देना शुरू कर दिया था। उनकी पॉपुलैरिटी का इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय इसके लॉन्च होने के एक हफ्ते के अंदर ही 1.15 लाख ऑर्डर मिल गए थे। यह दो साल के अंदर सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई थी।

    उतारी दुनिया की सबसे सस्ती कार

    • टाटा मोटर्स ने साल 2009 में दुनिया की सबसे सस्ती कार भारतीय बाजार में उतारी। इस कार का नाम टाटा नैनो दिया गया। उस समय इसकी शुरुआती कीमत एक लाख रुपये थी। इसे निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए बनाया गया था। इसे भारतीय बाजार में लाने का उद्देश्य उस वर्ग को फोकस करना था जो बाइक तो खरीद सकता था, लेकिन उस मार्केट में मौजूद कारों को नहीं खरीद सकता था।
    • साल 2009 में सड़कों पर उतरने के बाद टाटा नैनो की रफ्तार 2019 आते-आते दम तोड़ने लगी। जिसे देखते हुए टाटा मोटर्स ने टाटा नैनो के उत्पादन को ही बंद कर दिया। अब ऐसी खबरें हैं कि टाटा मोटर्स टाटा नैनो के ईवी वर्जन को लाने की तैयारी कर रही है।

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