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    ऑडी-मर्सिडीज खरीदने का सपना हुआ और महंगा, अगले साल बढ़ जाएंगे दोनों के दाम; जानें वजह

    By Atul YadavEdited By:
    Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:02 AM (IST)

    मर्सिडीज बेंज इंडिया अपने वाहनों की कीमतों में जहां दो प्रतिशत तक की वृद्धि का एलान किया है वही ऑडी अपनी गाड़ियों के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ाएगी। केवल चुनिंदा मॉडलों की एक्स-शोरूम कीमत में एक जनवरी 2021 से दो प्रतिशत तक की वृद्धि की जायेगी।

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    ऑडी-मर्सिडीज लेने का सपना हुआ और मंहगा, अगले साल बढ़ जाएंगे दोनो के दाम Pic source-Twitter

    नई दिल्ली, पीटीआई। ऑटो इंडस्ट्री को कोरोना काल के बाद से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले तो देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सारे प्लांट और शो-रूम बंद थे, उसके बाद सेमीकंडक्टर की ग्लोबल कमी व कच्चे माल की कीमतों की बढ़ोतरी के वजह से इंडस्ट्री और भी परेशान हो गया। इन्हीं सब को देखते हुए अगले साल से कई कंपनियां अपने कारों की कीमत में वृद्धी कर रही हैं। इसी लाइन में लोगों का सपना माने जाने वाली ऑडी-मर्सिडिज ने भी अगले साल अपने गाड़ियों के कीमत में बढ़ोतरी का एलान किया है।

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    आपको बता दें, लक्जरी कार बनाने वाली जर्मनी की कंपनियां मर्सिडीज बेंज इंडिया और ऑडी इंडिया कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी की वजह से अगले साल से अपने गाड़ियों की कीमत बढ़ा रहे हैं।

    इतने बढ़ेंगे दाम

    मर्सिडीज बेंज इंडिया अपने वाहनों की कीमतों में जहां दो प्रतिशत तक की वृद्धि का एलान किया है , वही ऑडी अपनी गाड़ियों के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ाएगी। मर्सिडीज़ बेंज ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी को लेकर लागत की भरपाई के लिए केवल चुनिंदा मॉडलों की एक्स-शोरूम कीमत में एक जनवरी, 2021 से दो प्रतिशत तक की वृद्धि की जायेगी।

    वही ऑडी ने कहा कि बढ़ते कच्चे माल और परिचालन लागत की भरपाई के लिए कीमतों में सुधार की आवश्यकता है। कंपनी ने अपने सभी मॉडलों की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी।

    मारुति सुजुकी के भी बढ़ जाएंगे दाम

    घरेलु निर्माता कंपनी मारुति-सुजुकी ने भी अपनी कीमत में बढ़ोतरी का एलान किया है। कंपनी के अनुसार इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण वाहन बनाने में लगने वाली लागत है, जो पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। कंपनी को अब किसी भी मॉडल को बनाने में अब उतना मुनाफा नहीं हो रहा है, जितना पहले होता था। क्योंकि वाहन बनाते समय उपयोग होनी वाली कंपोनेंट के रेट पहले से ज्यादा बढ़ गए हैं।