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    Garuda Aerospace कृषि क्षेत्र के लिए बनाने वाली है 1,000 Drone, प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं इसकी लॉन्चिंग; जानें किसानों को क्‍या होगा इसका फायदा

    By Atul YadavEdited By:
    Updated: Tue, 02 Nov 2021 01:47 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इंडिया अभियान के तहत एक ड्रोन बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी Garuda Aerospace की लॉन्चिंग कर सकते हैं जिसमें कृषि क्षेत्र के लिए 1000 ड्रोन का निर्माण किया जाएगा। इस ड्रोन की मदद से किसान अपने खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव देखभाल आदि कर सकते हैं।

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    प्रधानमंत्री मोदी गरुड़ एयरोस्पेस को 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत स्टार्टअप प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च कर सकते हैं।

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Make in India अभियान के तहत एक स्टार्टअप कंपनी Garuda Aerospace कृषि क्षेत्र के लिए 1000 ड्रोन का निर्माण करने जा रही है। इसकी लॉन्चिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा सकती है। Drone के जरिए किसानों को कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता दोनों को अनुकूलित करने में काफी मदद मिल सकती है। इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि ड्रोन के जरिए कैसे किसान उठा सकते हैं लाभ।

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    गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) स्टार्टअप का लक्ष्य किसानों को समय, पानी, संसाधनों की बचत और कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है, जिसमें किसानों को अपनी फसलों पर कीटनाशकों, पानी, उर्वरक का छिड़काव करने में मदद मिल सकती है।

    गरुड़ एयरोस्पेस के उपाध्यक्ष राम कुमार ने कहा, "हमारे कंपनी के संस्थापक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, उन्हें अगले महीने 1000 ड्रोन बनाने की हमारी योजना के बारे में अवगत कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए सहमत हो गए हैं। इस ड्रोन की मदद से हम समय, पानी और उचित संसाधन बचा सकते हैं।’’

    कंपनी के उपाध्यक्ष ने कहा, इस ड्रोन की मदद से हम खेतों में छिड़काव कर सकते हैं, सबसे खास बात ये है कि जहां किसानों को खेत में छिड़काव करने के लिए 3-4 घंटे का समय लगता था, वहीं इस ड्रोन की मदद से वह केवल 10 मिनट में अपनी खेतों का छिड़काव कर पाएंगे। इससे किसानों को समय, पानी और संसाधन की बचत होगी।’’

    गौरतलब है कि ड्रोन के उपयोग से फसलों को कीटों से समय पर बचाने में मदद मिलेगी, फसल की देखभाल के लिए समय की बचत होगी, कृषि उत्पादन में कुल लागत कम होगी और उच्च उपज और गुणवत्ता वाली फसलों को सुरक्षित किया जा सकेगा।