12 राज्यों में 5738 पीएम ई-बसों को दी गई मंजूरी, 2025 के शुरुआती महीनों में शुरू हो जाएगा संचालन
पीएम ई-बसों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए अब तक 66 शहरों में बिहाइंड द मीटर पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और सिविल डिपो इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 884 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है जिसमें 438 करोड़ रुपये राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को जारी भी कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार पीएम ई बसों में स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली के लिए काम कर रही है।

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। पीएम ई-बस सेवा के तहत सौ से अधिक शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन इसी साल के शुरुआती महीने में आरंभ हो जाएगा। 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 77 शहरों की ओर से मिले प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई है। इन शहरों की ओर से अब तक 5738 बसों के प्रस्ताव मिले हैं। अधिकांश में टेंडर जारी कर दिए गए हैं। केंद्रीय शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने दैनिक जागरण को बताया कि पीएम ई बस सेवा के जरिये केंद्र सरकार शहरी क्षेत्रों में परिवहन के ढांचे को नए दौर में ले जाना चाहती है।
2037 तक चलेगी योजना
इस योजना के तहत दस हजार इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए बीस हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। योजना मार्च 2037 तक चलेगी। साहू के अनुसार यह योजना इसलिए शहरी सुधार की दृष्टि से खासी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके तहत पात्र शहरों में बस डिपो और चार्चिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और आधुनिकीकरण के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। पीएम ई-बसों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए अब तक 66 शहरों में बिहाइंड द मीटर पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और सिविल डिपो इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 884 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें 438 करोड़ रुपये राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को जारी भी कर दिए गए हैं।
इन राज्यों को मिली ई-बसों को मंजूरी
जिन राज्यों के शहरों के लिए ई-बसों को मंजूरी दी गई है, उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, असम शामिल हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, बिहार में गया, पूर्णिया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, राजस्थान में अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में उल्हासनगर, अकोला और कोल्हापुर, ओडिशा में राउरकेला, गुजरात में भावनगर, गांधीनगर, जामनगर, राजकोट और वडोदरा, मध्य प्रदेश में भोपाल और उज्जैन में बस डिपो और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण को केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी दी है।
दूसरे चरण में मिलेगी केंद्रीय सहायता
साहू ने बताया कि इस योजना के दूसरे चरण में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता देने का निर्णय किया गया है। ये बस सेवाओं के लिए पूरक योजना साबित होगी। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार पीएम ई बसों में स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली के लिए काम कर रही है।
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