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    भारत में बैन होंगे लोकल हेलमेट, लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया फैसला

    By Vineet SinghEdited By:
    Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:12 AM (IST)

    बहुत से लोग पैसे बचाने के चक्कर में इन हेलमेट्स को खरीद लेते हैं लेकिन एक्सीडेंट होने की स्थिति में ये हेलमेट्स राइडर को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं जिससे गंभीर चोट लगने के साथ ही राइडर की जान जाने का खतरा भी बना रहता है।

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    लोकल हेलमेट बनाने और बेचने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्र सरकार ने भारत में दुपहिया वाहनों के लिए सिर्फ भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) -सर्टिफाइड हेलमेट का निर्माण और बिक्री करने का आदेश दिया है। दरअसल ये हेलमेट्स बाइक और स्कूटर राइडर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और उनके सिर को गंभीर चोट लगने से बचाते हैं।

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    सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ''मंत्रालय ने दुपहिया मोटर वाहनों (क्‍वालिटी कंट्रोल) की सवारियों के लिए हेलमेट आदेश 2020 जारी किया है.' विज्ञप्ति के अनुसार दुपहिया वाहन पर चलने वालो के लिये सुरक्षा हेलमेट को अनिवार्य बीआईएस प्रमाणीकरण तथा गुणवत्ता नियंत्रण प्रकाशन के अंतर्गत शामिल किया गया है.

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे देश में कम गुणवत्ता वाले दुपहिया हेलमेट की बिक्री से बचने में मदद मिलेगी, जिनसे दुर्घटनाओं में शामिल व्यक्तियों को घातक चोट आती हैं। भारत भर में लोकल हेलमेट्स की भरमार है। बहुत से लोग पैसे बचाने के चक्कर में इन हेलमेट्स को खरीद लेते हैं लेकिन एक्सीडेंट होने की स्थिति में ये हेलमेट्स राइडर को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं जिससे गंभीर चोट लगने के साथ ही राइडर की जान जाने का खतरा भी बना रहता है।

    देश की जलवायु स्थिति के अनुकूल हल्‍के भार के हेलमेट के बारे में विचार करने तथा हेलमेट का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति बनायी गयी थी। समिति में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ थे, जिनमें एम्स और बीआईएस के विशेषज्ञ भी शामिल थे।

    मार्च 2018 में समिति ने अपनी रिपोर्ट में विस्तृत विश्लेषण के बाद, देश में हल्के हेलमेट की सिफारिश की और मंत्रालय ने रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। समिति की सिफारिशों के अनुसार, बीआईएस ने विनिर्देशों को संशोधित किया है जिसके माध्यम से हल्के हेलमेट बनाने की उम्मीद है।

    आपको बता दें कि भारत में हर साल 1.7 करोड़ दुपहिया वाहन बनाए जाते हैं। आपको बता दें कि इस नियम के लागू होने के बाद लोकल हेलमेट बनाना और उसकी बिक्री करना गैरकानूनी माना जाएगा और इस तरह के हेलमेट के साथ वाहन चलाने पर राइडर्स के ऊपर फाइन लगाया जाएगा।