Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नाइट्रोजन एयर से रुकेगी टायर फटने की घटनाएं

    By Bani KalraEdited By:
    Updated: Tue, 09 May 2017 04:48 PM (IST)

    जकल टायर्स में नाइट्रोजन एयर भरवाने के बारे में सुनने को मिलता है खासतौर पर अगर हाइवे पर गाड़ी चलानी हो। एक्सप्रेस-वे पर भी हादसे रोकने के लिए वाहनों के टायर्स में नाइट्रोजन एयर के इस्तेमाल करने का

    नाइट्रोजन एयर से रुकेगी टायर फटने की घटनाएं

    नई दिल्ली (बनी कालरा)। आजकल टायर्स में नाइट्रोजन एयर भरवाने के बारे में सुनने को मिलता है खासतौर पर अगर हाइवे पर गाड़ी चलानी हो। एक्सप्रेस-वे पर भी हादसे रोकने के लिए वाहनों के टायर्स में नाइट्रोजन एयर के इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। चलिये जानते हैं क्या हैं इसके फायदे...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    50 रुपये तक होती है महंगी
    कार हो या बाइक के टायर्स में नॉर्मल हवा फ्री में भरी जाती है। जबकि नाइट्रोजन एयर भरवाने में आपको 43 से 50 रुपये प्रति टायर के हिसाब से देना होता है। लेकिन महंगी होने के बावजूद नाइट्रोजन गैस के कई फायदे भी हैं।

    नॉर्मल हवा के नुकसान
    नॉर्मल हवा के साथ आर्द्रता (Humidity) जैसी समस्या रहती है, जिससे गाड़ी के टायर्स को नुकसान होने की पूरी संभावना रहती है साथ ही टायर के प्रेशर पर भी असर पड़ता है। इतना ही नहीं टायर में लगी रिम या एलॉय व्हील पर भी इसका गलत असर पड़ता है।

    नाइट्रोजन एयर के फायदे
    नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायर में जो ऑक्सीजन मौजूद रहती है वो फीकी पड़ जाती है साथ ही साथ आक्सीजन में मौजूद पानी की मात्रा को भी खत्म कर देती है। इसका फायदा यह भी होता है की टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता। नाइट्रोजन एयर के इस्तेमाल से टायर की लाइफ बढ़ जाती है, साथ ही माइलेज भी बेहतर रहता है। इसके अलावा सेफ्टी, हैंडलिंग के लिहाज से भी नाइट्रोजन गैस उपयोगी होती है। अक्सर हाइवे पर टायर फटने की घटनायें देखने को मिलती हैं ऐसे में अगर टायर्स में नाइट्रोजन गैस डलवा ली जाए तो इस समस्या से निजात मिल सकता है।

    F1 रेस की हर गाड़ी में इस्तेमाल होती है नाइट्रोजन एयर
    नार्मल हवा की तुलना में नाइट्रोजन एयर लम्बे समय तक टिकती है और बार-बार इसे भरवाने की जरूरत नहीं होती। आपको बता दें फॉर्मूला वन रेस में चलने वाली हर गाड़ी के टायर्स में नाइट्रोजन गैस का ही इस्तेमाल किया जाता है।