बार-बार टैक्स में कमी की मांग नहीं करें उद्योग, कल्याणकारी योजनाओं के लिए होती है धन की जरूरत
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जीएसटी और टैक्स में कटौती की मांग न करें। यह एक सतत प्रक्रिया है जो चल रही है। यदि हम टैक्स कम करते हैं तो आप और अधिक मांगेंगे क्योंकि यह मानव स्वभाव है। उन्होंने कहा कि हम कराधान कम करना चाहते हैं लेकिन कराधान के बिना सरकार कल्याणकारी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ा सकती।

नई दिल्ली, पीटीआई: केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को उद्योग जगत से कहा कि वे बार-बार टैक्स में कटौती की मांग न करें। इसका कारण यह है कि सरकार को गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए धन की जरूरत है। एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में लाजिस्टिक लागत दो साल के भीतर नौ प्रतिशत तक कम हो जाएगी।
अमीर लोगों से टैक्स लेना और गरीबों को लाभ देना
अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा कि जीएसटी और टैक्स में कटौती की मांग न करें। यह एक सतत प्रक्रिया है जो चल रही है। यदि हम टैक्स कम करते हैं, तो आप और अधिक मांगेंगे, क्योंकि यह मानव स्वभाव है। उन्होंने कहा कि हम कराधान कम करना चाहते हैं, लेकिन कराधान के बिना सरकार कल्याणकारी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ा सकती। सरकार का दृष्टिकोण अमीर लोगों से टैक्स लेना और गरीबों को लाभ देना है। इसलिए सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं।
भारत की लाजिस्टिक लागत 14 से 16 प्रतिशत
गडकरी के अनुसार, वर्तमान में भारत की लाजिस्टिक लागत 14 से 16 प्रतिशत है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि दो साल के भीतर जो हमारी लाजिस्टिक लागत नौ प्रतिशत हो जाएगी। इससे हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन में लाजिस्टिक लागत आठ प्रतिशत है और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत को गुणवत्ता से समझौता किए बिना उत्पादन की लागत कम करने की जरूरत है।
अगले वर्ष 3-5 प्रतिशत बढ़ेगी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री
अगले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री में 3-5 प्रतिशत तक की वृद्धि रह सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को यह बात कही। एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री स्थिर रह सकती है। इसका कारण यह है कि आम चुनावों के कारण पहली छमाही में वाणिज्यिक वाहनों की मांग में नरमी रही है।
भविष्य में कारोबार को समर्थन मिलने की उम्मीद
इक्रा की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट किंजल शाह ने कहा कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों की बहाली, स्थिर ग्रामीण मांग के साथ-साथ सरकारी आदेशों के कारण पुराने बेड़े में बदलाव से चालू वित्त वर्ष के अंत तक और अगले वित्त वर्ष के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, खनन गतिविधियों में लगातार वृद्धि और सड़क संपर्क में सुधार से भविष्य में कारोबार को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
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