टोल प्लाजा पर नहीं लगेगा जाम, जल्द खुलेगा देश का पहला बिना बैरिकेटिंग वाला टोल
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने ICICI बैंक के साथ मिलकर टोल प्लाजा पर लगने वाली कतारों को खत्म करने के लिए मल्टी-लेन फ्री-फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम की शुरुआत की है। पहला MLFF टोलिंग सिस्टम गुजरात के चोरयासी टोल प्लाजा पर लागू होगा। वित्त वर्ष 2026 तक 25 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजाओं पर यह सिस्टम लागू करने की योजना है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश में टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL) और ICICI बैंक के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस करार के तहत भारत का पहला मल्टी-लेन फ्री-फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम गुजरात के चोरयासी टोल प्लाजा (NH 48) पर लागू किया जाएगा।
कहां लागू होगा पहला MLFF टोल सिस्टम?
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस करार पर हस्ताक्षर NHAI मुख्यालय (नई दिल्ली) में NHAI चेयरमैन संतोष कुमार यादव और ICICI बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किए गए। चोरयासी टोल प्लाजा (गुजरात) देश का पहला ऐसा टोल प्लाजा होगा जहां बिना रुके टोल वसूला जाएगा। इसके साथ ही, हरियाणा के घरौंडा टोल प्लाजा (NH 44) पर भी इस सिस्टम को लागू करने की योजना है।
आने वाले समय में और भी प्लाजा होंगे शामिल
NHAI ने घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2026 (FY26) के दौरान करीब 25 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजाओं पर यह सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके लिए उपयुक्त टोल प्लाजाओं की पहचान की जा रही है। NHAI चेयरमैन संतोष कुमार यादव के अनुसार, यह समझौता देश में टोलिंग के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाएगा, बल्कि यात्रियों के लिए टोल अनुभव को भी आसान और सुविधाजनक बनाएगा।
MLFF क्या है और कैसे करेगा काम?
मल्टी-लेन फ्री-फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम एक ऐसा अत्याधुनिक समाधान है, जिसमें वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। इसमें RFID रीडर्स और ANPR कैमरों (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) के जरिए FASTag और वाहन पंजीकरण संख्या (VRN) को स्कैन किया जाएगा। इसके जरिए टोल शुल्क स्वतः ही कट जाएगा और वाहन बिना रुके सीधे गुजर सकेगा। इस सिस्टम से जाम की समस्या कम होगी, समय बचेगा, ईंधन की खपत घटेगी और प्रदूषण भी कम होगा। सरकार का मानना है कि यह प्रणाली न केवल यात्रियों को राहत देगी बल्कि टोल वसूली को भी और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी।
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