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नए ट्रैफिक निमय का डर, भारी चालान के चलते बस और ट्रक ड्राइवर भी लगाने लगे सीटबेल्ट

नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद दिल्ली और मुंबई में बस और ट्रक ड्राइवरों ने सीट बेल्ट लगाना शुरू कर दिया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 11:07 AM (IST)
नए ट्रैफिक निमय का डर, भारी चालान के चलते बस और ट्रक ड्राइवर भी लगाने लगे सीटबेल्ट
नए ट्रैफिक निमय का डर, भारी चालान के चलते बस और ट्रक ड्राइवर भी लगाने लगे सीटबेल्ट

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक स्टडी सामने आई है, जिसमें ये बताया गया है कि सीट बेल्ट का कितना इस्तेमाल हो रहा है। एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा सामने आई स्टडी में दो राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर इसे आयोजित किया गया - दिल्ली में बुरारी, भलस्वा और मुकुंदपुर और महाराष्ट्र में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे और पुराने मुंबई पुणे राजमार्ग पर। इसमें लाइफ फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार नए ट्रैफिक नियमों के लागू होने के बाद बस और ट्रक चालकों के बीच सीट बेल्ट के उपयोग में काफी सुधार हुआ है।

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इन्हीं दो राज्यों में 29 अगस्त को अधिनियम लागू होने से पहले 1,190 वाहन देखे गए थे और 11 सितंबर को नियमों के लागू होने के बाद कुल 1,290 वाहनों की निगरानी की गई। दिल्ली में मोटर वाहन अधिनियम के लागू के बाद से बस ड्राइवरों द्वारा सीट बेल्ट पहनने में 80.5% की वृद्धि के साथ 88% पर पहुंच गया है, जबकि पहले ये आंकड़ा महज 7.5% ही था। इसी तरह मुंबई में 26% की बढ़ोतरी के साथ 50% पहुंच गया है, जबकि पहले सिर्फ 26.5% देखा जाता है। इस स्टडी से पहले दिल्ली में लगभग 120 और मुंबई में 108 बसों की निगरानी की गई थी और स्टडी के बाद दिल्ली में 105 और मुंबई में 110 देखी गई हैं।

इसके अलावा ट्रक ड्राइवरों में भी करीब 27.7% की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं, मुंबई में 21% की देखी गई है। इसमें 92 ट्रक नए रूल से पहले और 105 ट्रक्स नए रूल के बाद दिल्ली में देखे गए हैं। वहीं, 127 ट्रकों की नए रूल्स के पहले और बाद में मॉनिटरिंग की गई है।

वहीं हल्के मोट वाहनों की बात करें तो दिल्ली में सीट बेल्ट के अनुपालन 17.8% की वृद्धि हुई है। वहीं, मुंबई में सिर्फ 1% की ही सुधार देखा गया है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सीट बेल्ट न पहनने पर अब जुर्माना 100-300 से बढ़कर 1000 रुपये हो गया है, जो 1 सितंबर से देशभर में लागू है।

2017 के लिए सड़क दुर्घटनाओं पर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ट्रकों (टेम्पो और ट्रैक्टरों के साथ) और बसों ने मिलकर कुल 4,60,000 दुर्घटनाओं में लगभग 27% क्रैश या 4,60,000 दुर्घनाओं में से 1,24,000 वाहनों की भयंकर टक्कर हुई है।

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