इन पॉपुलर गाड़ियों पर लगेगा 22 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स, जानिए पहले से कितनी महंगी हो जाएगी आपकी कार
अपडेट किए गए मानदंडों के तहत एसयूवी और एमपीवी जैसे Mahindra XUV700 या Toyota Innova Hycross जैसे बहु-उपयोगिता वाहनों(MUV) पर अब उपकर दर में मौजूदा 20 प्रतिशत से 200 अंक की बढ़ोतरी होगी जो 22 प्रतिशत फ्लैट दर होने वाली है साथ ही 28 प्रतिशत की जीएसटी दर भी अपरिवर्तित बनी हुई है। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार आसमान छू रही महंगाई ने ऑटो सेक्टर पर भी गहरा प्रभाव डाला है। हाल ही में फेम-2 स्कीम में संशोधन होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़े दामों के बाद GST Council ने XUV और MUV कारों पर टैक्स बढ़ा दिया है।
दिसंबर 2022 की विज्ञप्ति के आधार पर, जीएसटी परिषद मोटर वाहन को एसयूवी के रूप में वर्गीकृत करने वाले मानदंडों को फिर से परिभाषित करने की प्रक्रिया में है। इसके चलते काउंसिल ने एक्सयूवी और एमयूवी पर लगवने वाले उप कर को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दिया है।
किन गाड़ियों की बढ़ गई कीमत?
अपडेट किए गए मानदंडों के तहत, एसयूवी और एमपीवी जैसे Mahindra XUV700 या Toyota Innova Hycross जैसे बहु-उपयोगिता वाहनों(MUV) पर अब उपकर दर में मौजूदा 20 प्रतिशत से 200 अंक की बढ़ोतरी होगी, जो 22 प्रतिशत फ्लैट दर होने वाली है, साथ ही 28 प्रतिशत की जीएसटी दर भी अपरिवर्तित बनी हुई है। इस कदम से एसयूवी और अब एमपीवी दोनों ही पूरे बोर्ड में 2 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं। हालांकि, Maruti Invicto जैसे हाइब्रिड मल्टी-यूटिलिटी वाहनों पर अभी भी 15 प्रतिशत कम उपकर दर पर शुल्क लिया जाएगा।
कैसे होगा निर्धारण?
नए नियमों के अनुसार 170 मिमी के अनलोडेड ग्राउंड क्लीयरेंस वाला कोई भी वाहन MUV श्रेणी में आएगा। वहीं, 4 मीटर से अधिक लंबे और 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले वाहन भी परिषद द्वारा निर्धारित मानदंडों का हिस्सा होंगे। कुल मिलाकर, कोई भी पेट्रोल या डीजल एसयूवी/एमपीवी जो इस मानदंड को पूरा करती है, उस पर अब 22 प्रतिशत का उपकर लगया जाएगा।
हालांकि, ये स्पष्ट है कि इससे एसयूवी और एमपीवी की कीमतों में वृद्धि होगी। सटीक राशि का तुरंत पता लगाना मुश्किल है क्योंकि ब्रोशर पर प्रकाशित निर्माता के स्पेसिफिकेशन सरकार से प्राप्त होमोलॉगेशन प्रमाणपत्र से भिन्न हो सकते हैं। आपको बता दें कि किसी मॉडल के बाजार में प्रवेश करने से पहले टैक्सेशन होमोलॉगेशन प्रमाणपत्र पर आधारित होता है।
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
50वीं जीएसटी परिषद(GST Council) की बैठक के दौरान, वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक अनुरोध था कि एसयूवी पर 20 और 22 प्रतिशत कर को तर्कसंगत बनाया जाए ताकि सब कुछ विलय हो जाए और एक समान 22 प्रतिशत कर लगाया जाए। हम उस सिफारिश के साथ नहीं गए हैं, क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो सेडान भी इसमें शामिल हो जाती है। दो राज्यों ने विशेष रूप से सेडान को शामिल करने पर आपत्ति जताई थी, ये थे पंजाब और तमिलनाडु। इसलिए हमने टैक्सेशन का दायरा बढ़ाया है लेकिन इतना नहीं कि सेडान भी इसमें शामिल हो जाए।
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