MoRTH ने दी ई-बैंक गारंटी को जमानत बांड में बदलने की स्वीकृति, NHAI और NHIDCL के कॉन्ट्रैक्टर्स को होगा लाभ
MoRTH ने कहा है कि उसने इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (EPC) के मानक दस्तावेजों में बिड सिक्योरिटी और परफॉरमेंस सिक्योरिटी के रूप में ई-बैंक गारंटी और बीमा जमानत बांड की स्वीकृति की अनुमति दे दी है। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कहा है कि उसने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) के मानक दस्तावेजों में 'बिड सिक्योरिटी' और 'परफॉरमेंस सिक्योरिटी' के रूप में ई-बैंक गारंटी और बीमा जमानत बांड की स्वीकृति की अनुमति दे दी है।
हाल ही में, इस मुद्दे पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वित्त मंत्रालय राज्य के स्वामित्व वाले NHAI और NHIDCL द्वारा नियुक्त टेंडर्स को उनकी बैंक गारंटी को बीमा जमानत बांड में बदलने की अनुमति देने पर सहमत हो गया है।
NHAI और NHIDCL कॉन्ट्रैक्टर के लिए अच्छी खबर
जीएफआर 2017 में व्यय विभाग द्वारा किए गए संशोधनों के बाद ई-बैंक गारंटी और बीमा जमानत बांड को 'बिड सिक्योरिटी' और 'परफॉरमेंस सिक्योरिटी' स्वीकार करने के साधन के रूप में शामिल करने के संबंध में, इस मंत्रालय ने मानक में आवश्यक खंडों में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
ये जानकारी MoRTH ने एक परिपत्र में दी है। इसको लेकर गडकरी ने भी हाल ही में कहा था कि जमानत बांड की पेशकश को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें बदलाव किए जाएंगे क्योंकि बीमा नियामक Irdai द्वारा लगाई गई सख्त शर्तों के कारण कोई भी कॉन्ट्रैक्टर इसे नहीं खरीद रहा है।
क्या है पूरा मामला
मंत्रालय ने कहा कि अगर बैंक गारंटी को बिड सिक्योरिटी या परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के रूप में लिया जा रहा है और इसे ई-बैंक गारंटी के रूप में प्रस्तुत करना संभव नहीं है, तो फिजिकैट बीजी को स्वीकार किया जा सकता है।
पिछले साल दिसंबर में, गडकरी ने बैंक गारंटी पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से देश का पहला जमानत बांड बीमा उत्पाद लॉन्च किया था। हाल ही में, Irdai ने जमानत बांड के लिए लगाए गए सख्त मानदंडों में ढील दी है।
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