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    60 लाख की मर्सिडीज जलभराव में फंसकर हुई खराब, मालिक ने नगर निगम से मांगा 5 लाख का मुआवजा

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 06:11 PM (IST)

    गाजियाबाद में भारी बारिश के कारण वसुंधरा के किशोर की Mercedes GLA 200D जलभराव में फंसकर खराब हो गई। किशोर ने नगर निगम को 5 लाख रुपये के मुआवजे की कानूनी नोटिस भेजी है क्योंकि जल निकासी की व्यवस्था न होने से उनकी 60 लाख की कार को नुकसान हुआ है। नगर आयुक्त ने कहा कि कार मालिक को जलभराव और खराबी का संबंध साबित करना होगा।

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    गाजियाबाद में जलभराव से Mercedes हुई खराब

    ऑटो डेस्क, नई दिल्‍ली। गाजियाबाद में हाल ही में हुई भारी बारिश ने ना सिर्फ आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाला, बल्कि एक लग्ज़री कार मालिक को भी परेशानी में डाल दिया। वसुंधरा के निवासी किशोर नाम के व्यक्ति ने दावा किया है कि उनकी Mercedes GLA 200D श्याम पार्क एक्सटेंशन इलाके में जलभराव के कारण खराब हो गई। मामला सिर्फ कार खराब होने तक नहीं रुका, उन्होंने नगर निगम को 5 लाख रुपये के मुआवजे की कानूनी नोटिस भी भेज दी है।

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    क्या है मामला?

    • किशोर ने बताया कि 23 जुलाई को वो लाजपत नगर जा रहे थे, तभी उनकी मर्सिडीज भारी बारिश के चलते जलमग्न सड़क में फंस गई और इंजन बंद हो गया। उन्होंने कहा कि इलाके में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसकी वजह से उनकी कार को टो करके नोएडा स्थित एक सर्विस सेंटर तक ले जाना पड़ा। कार की मरम्मत का खर्च लाखों में पहुंच सकता है।
    • उन्होंने बताया कि साल 2018 में उन्होंने ये कार करीब 60 लाख रुपये में खरीदी थी और अब इसकी हालत देखकर उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसीलिए, उन्होंने नगर निगम को नोटिस भेजा है कि अगर 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेंगे।

    नगर निगम का पक्ष

    • नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह साबित करना कार मालिक की जिम्मेदारी है कि जलभराव और कार की खराबी का सीधा संबंध है। उनका यह भी कहना है कि उस दिन कई वाहन उसी रास्ते से गुजरे थे, लेकिन ऐसी कोई और शिकायत नहीं मिली। साथ ही, उन्होंने मौसम विभाग द्वारा पहले से चेतावनी जारी होने का हवाला भी दिया।
    • किशोर का कहना है कि यह सिर्फ उनका निजी नुकसान नहीं, बल्कि एक बड़े प्रशासनिक मुद्दे का उदाहरण है। उनकी मंशा सिस्टम की जवाबदेही तय करवाने की है, जिससे भविष्य में आम नागरिकों को ऐसी परेशानी ना हो।

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