Auto Expo Component Show 2023 में कई बड़ी कंपनियों ने लिया हिस्सा, पूरा फोकस स्थानीय उत्पादोंं पर
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) और भारी उद्योग मंत्रालय विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स में स्थानीयकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। अगर भारत में सबसे अधिक गाड़ियों में लगने वाले कंपोनेंट्स तैयार किए जाते हैं तो गाड़ियों की कीमतें कम हो जाएंगी।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत इस समय होम मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण आप ऑटो एक्सपो 2023 कंपोनेंट शो में जाकर देख सकते हैं, जहां इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी स्थानीयकरण पर काफी ध्यान दे रही है। इसमें कई स्टॉर्टअप्स कंपनियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।
न्यूज एजेंसकी पीटीआई के साथ बातचीत में करते हुए ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA)के प्रेसिडेंट संजय कपूर ने कहा कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) और भारी उद्योग मंत्रालय विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स में स्थानीयकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिकफिकेशन की दिशा में बड़े जोर के साथ ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खपत में वृद्धि के साथ, उद्योग इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनने के लिए ऑटो घटक क्षेत्र का तेजी से परिवर्तन देख रहा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में, ऑटो कंपोनेंट का इंपोर्ट 2021-22 की पहली छमाही में 8.7 बिलियन अमरीकी डालर (64,310 करोड़ रुपये) से 17.2 प्रतिशत बढ़कर 10.1 बिलियन अमरीकी डालर (79,815 करोड़ रुपये) हो गया।
इंपोर्ट में एशिया का हिस्सा 65 प्रतिशत है, उसके बाद यूरोप और उत्तरी अमेरिका क्रमशः 26 प्रतिशत और 8 प्रतिशत हैं। एशिया से इंपोर्ट में 21 प्रतिशत, यूरोप से 6 प्रतिशत और उत्तरी अमेरिका से 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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