Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jaguar की इलेक्ट्रिक कार I-Pace ने बनाया रिकोर्ड, सिंगल चार्ज में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई के बराबर का किया सफर

    ध्यान देने वाली बात यह है कि यह एवरेस्टिंग की अवधारणा पिछले साल साइकिल चालकों के बीच लोकप्रिय हुई थी। इसके पीछे विचार यह था कि इस उंचाई की चढ़ाई इतनी बार की जाए जब तक की इसकी कुल ऊंचाई लाभ माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई के बराबर न हो जाए।

    By BhavanaEdited By: Updated: Thu, 03 Jun 2021 10:25 AM (IST)
    Hero Image
    Jaguar I-Pace की एवरेस्टिंग सफलता की कुंजी इसकी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली है..

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Jaguar I-pace Highest Climb: जैगुआर की इलेक्ट्रिक कार आई-पेस ने खड़ी ढलानों और घुमावदार सतहों पर 8,848 मीटर की ऊंचाई पर चढ़कर 'एवरेस्टिंग चैलेंज' को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। बता दें, इस कार ने ब्रिटेन की सबसे ऊंची सतह वाली सड़क ग्रेट डन फेल के कुल 16.2 दोहराव को पूरा करके यह उपलब्धि हासिल की है। वहीं हर चढ़ाई पर 547 मीटर की बढ़त हासिल की गई है। इस रिकोर्ड को पूरा करने के लिए इस एसयूवी के पीछे ओलंपिक और विश्व चैंपियन साइकिल चालक एलिनोर बार्कर एमबीई Elinor Barker MBE मौजूद थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    एलिनोर बार्कर एमबीई ने आई-पेस की रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कुल 16 अवरोही पर लगभग 60 प्रतिशत अतिरिक्त उपलब्ध ऊर्जा का इस्तेमाल किया। एलिनोर ने बताया कि "यह धीरज का एक कठिन काम है, इसलिए मुझे ऑल-इलेक्ट्रिक जैगुआर आई-पेस के व्हील के साथ इसे करने में खुशी हुई है" इस पूरी यात्रा के दौरान करीब 199.6 किमी की दूरी तय करने के बाद इसकी बैटरी क्षमता शुरुआती बिंदु से 12.9 किमी की ड्राइव सहित कम होनी शुरू हुई।इसके बावजूद I-PACE में 31 प्रतिशत बैटरी लाइफ बाकी थी। जो 128.7 किमी अधिक ड्राइव करने के लिए पर्याप्त थी।

    इस एवरेस्टिंग चैलेंज से पहले आई-पेस की बैटरी और केबिन को चार्ज करते समय पूर्व-कंडीशन किया गया था, ताकि इसकी सीमा और आराम में तालमेल बैठाया जा सके और इसे शिखर पर 2 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान के लिए तैयार किया जा सके। यहां ध्यान देने वाली बात यह है, कि यह एवरेस्टिंग की अवधारणा पिछले साल साइकिल चालकों के बीच लोकप्रिय हुई थी। इसके पीछे विचार यह था कि इस उंचाई की चढ़ाई इतनी बार की जाए जब तक की इसकी कुल ऊंचाई लाभ माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई के बराबर न हो जाए।

    ग्रेट डन फेल स्थान को साइकिल चालकों द्वारा 'ब्रिटेन के मोंट वेंटौक्स' के रूप में जाना जाता है। जैगुआर का कहना है कि आई-पेस की एवरेस्टिंग सफलता की कुंजी इसकी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली है जिसे जैगुआर रेसिंग के फॉर्मूला ई कार्यक्रम की तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया था।