Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jagran Special: Cyber Attack से बचाव के लिए ऑटो इंडस्ट्री अपना रहा है ये बदलाव, जानें एक्सपर्ट की राय

    By Atul YadavEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 07:16 AM (IST)

    स्मार्ट टेक्नालॉजी के विकास के साथ-साथ ऑटो इंडस्ट्री ने ग्लोबल स्तर पर समय दर समय टेक्नालॉजी में कई बदलाव देखे हैं। इन टेक्नालॉजी ने सेफ्टी को अधिक बढ ...और पढ़ें

    Hero Image
    ऑटो इंडस्ट्री में Cyber Security को लेकर हो रहे हैं कई बदलाव

    नई दिल्ली, अतुल यादव। बीते कुछ समय से कार टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। अब कारों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और इस पर आधारित फीचर्स भी आने लगे हैं। हालांकि, इससे साइबर अटैक के खतरे की आशंकाओं को लेकर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। ऐसे में कार निर्माताओं को जरूरत है कि वह साइबर अटैक को ध्यान में रखने हुए कार को मजबूत सुरक्षा देने की दिशा में काम करें। कई कार कंपनियां थर्ड पार्टी कंपनियां के जरिए इसके लिए काम भी कर रही हैं, जिसके चलते ऑटो इंडस्ट्री में साइबर सुरक्षा में तेजी से बदलाव हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेफ्टी के लिए ऑटो प्लेयर्स अपना रहे हैं ये टेक्नालॉजी

    स्टील्बर्ड इंटरनेशनल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मानव कपूर का कहना है कि दुनिया भर में ऑटोमोटिव प्लेयर्स साइबर सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ब्लॉकचेन, 5 जी, आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स आदि को अपना रहे हैं, ताकि साइबर हमलों तथा सुरक्षा में जोखिम की संभावना को कम किया जा सके। हालांकि, नई तकनीकों के विकास के साथ साइबर सुरक्षा में भी क्रिप्टोग्राफिक हैश फंक्शन्स का इस्तेमाल देखा जा रहा है, जिससे सार्वजनिक और निजी ब्लॉकचेन को बेहतर सुरक्षा मिल पाती है।

    थर्ड पार्टी OEM के वजह से साइबर सुरक्षा में होती है चूक?

    Exalta India के संस्थापक आशुतोष वर्मा ने इस विषय में जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि जैसे जैसे साइबर कार में टेक्नोलॉजी का एड ऑन हो रहा है उससे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आपस में कनेक्ट हो रहे हैं। इस प्रक्रिया से बहुत चीज़ें थर्ड पार्टी OEM (Original equipment manufacturer) के मध्यम से की जाती है। ये करने से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की इंटरफ्रेसिंग में और बाकी चीज़ों की कम्युनिकेशन में बहुत सारे लूप होल्स रह जाते हैं। वही जो कमियां हैं वो कई बार साइबर सुरक्षा के साथ कॉम्प्रोमाइज करवा देती है। बहुत ठीक तरह से फायरवॉल का लगना, IT के कम्युनिकेशन का इनक्रिप्शन होना बहुत ज़रूरी है। जो भी हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें, उसमे सुरक्षा प्रदान करना ज़रूरी है।

    रिमोट कंट्रोल कार खुल जाती हैं, इसलिए इसमें हैकिंग के संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसके लिए वाहन निर्माताओं को अपने ग्राहकों के सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और टेक्नोलॉजी के साथ बढ़ते हुए, साइबर सुरक्षा के बारे में निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।

    ऑटोमोटिव साइबर सिक्योरिटी मार्केट का 2029 तक 6.03 बिलियन डालर रेवेन्यू कलेक्ट करने का लक्ष्य

     किकनेक्टेड व्हीकल के आने से ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा की आवश्यकता में वृद्धि होने की उम्मीद है। ऑटोमोटिव साइबर सिक्योरिटी मार्केट ने 2018 में 1.26 बिलियन डालर का रेवेन्यू जेनरेट किया था। वहीं बीआईएस रिसर्च द्वारा ग्लोबल ऑटोमोटिव साइबरसिक्योरिटी मार्केट - एनालिसिस एंड फोरकास्ट, 2019-2029 की मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार 2019 से लेकर 2029 तक 6.03 बिलियन डालर तक रेवेन्यू तक पहुंचने का अनुमान है, जो 14.25 फीसद की compound annual growth rate (CAGR) से बढ़ रहा है।