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    Nitin Gadkari ने दिया 5 सूत्रीय मंत्र, कमियों के चलते 2024 तक सड़क हादसों में 50 फीसदी कटौती को बताया असंभव

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 10:01 PM (IST)

    गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि अगर लोग लेन अनुशासन में देश की सड़कों पर चलने लगें तो ऐसे में रोड एक्सीडेंट को कम किया जा सकता है। उन्होने आगे कहा कि अच्छा रोड साइनेज भी दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने में मदद करता है। (फाइल फोटो)।

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    India cannot achieve target to cut 50 pc road accidents by 2024 due to shortcomings Gadkari says

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की सड़को पर हो रही दुर्घटनाओं को कं करने के लिए सरकार की ओर से नित नए प्रयास किए जाते हैं। इससे संबंधित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा बयान दिया है।

    उन्होने कहा कि सरकार और अन्य लोगों की ओर से सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता करने वाली कई कमियों के कारण भारत 2024 से पहले सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा। आइए, उनके द्वारा दी गई पूरी जानकारी को आपको बताते हैं।

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    डीपीआर पर फिर उठाए सवाल

    गडकरी ने कुछ समय पहले कहा था कि हम 2024 से पहले सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी करेंगे, लेकिन उन्हे ऐसा होते हुए नहीं दिख रहा है। गडकरी ने एक बार फिर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर सवाल खड़े किए हैं।

    उन्होंने कहा कि निर्माण की लागत को कम करने के लिए डीपीआर तैयार करते समय सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता किया जाता है और सड़क परियोजना में आवश्यक पुलों के नीचे जानबूझकर फ्लाईओवर के निर्माण के लिए प्रावधान नहीं करते हैं। इसके चलते दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

    गडकरी ने दिया पांच सूत्रीय मंत्र

    गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि अगर लोग लेन अनुशासन में देश की सड़कों पर चलने लगें, तो ऐसे में 50 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट को कम किया जा सकता है। उन्होने आगे कहा कि अच्छा रोड साइनेज भी दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

    इसके लिए गडकरी ने पांच महत्वपूर्ण ई - इंजीनियरिंग (सड़क), आपातकाल (दुर्घटना की स्थिति में कार्रवाई), इंजीनियरिंग (ऑटोमोबाइल), शिक्षा (सड़क सुरक्षा के बारे में) और प्रवर्तन (नियम) पर जोर देने के लिए कहा है।

    हर साल होते हैं पांच लाख एक्सीडेंट

    रोड इंजीनियरिंग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश में सिविल इंजीनियरिंग में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं इस विभाग में नौ साल से काम कर रहा हूं। अब मैं समझता हूं कि सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए क्या किया जाना चाहिए।

    गडकरी का कहना है कि भारत हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं का गवाह बनता है, जिसमें दो लाख मौतें शामिल हैं। इन हादसों में तीन लाख लोगों के पैर और हाथ टूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन सड़क दुर्घटनाओं में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का तीन प्रतिशत का नुकसान होता है।

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