लीजेंडरी कार Ford EcoSport का भारतीय सफर हुआ खत्म, रोल आउट हुई आखिरी यूनिट
भारत में अमेरिका की कार निर्माता कंपनी फोर्ड एक दशक से अधिक समय से घाटे में चल रही थी। इसी कारण अब भारत में Ford EcoSport का सफर खत्म हो गया है। भारत में फोर्ड के कुल दो प्लांट थे।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय ऑटो उद्योग कार की सबसे बड़ी दुखद खबर सामने आई हैं। अब स्थानीय बाजार में फोर्ड की गाड़ियां नहीं मिलेंगी। अमेरिका की ये कार निर्माता कंपनी एक दशक से अधिक समय से घाटे में चल रही थी। वहीं भारत में अपने पुनर्गठन कार्यों के हिस्से के रूप में कंपनी ने पिछले साल सितंबर में ही भारतीय बाजार छोड़ दिया।
भारत में फोर्ड के कुल दो प्लांट थे
आपको बता दें भारत में फोर्ड के कुल दो प्लांट थे। एक प्लांट गुजरात में था वहीं दूसरा प्लांट तमिलनाडु में चेन्नई के पास स्थित है। Sanand प्लांट से फोर्ड अपनी अपनी छोटी कारों जैसे फिगो, फ्रीस्टाइल और एस्पायर को बनाया करता था। वहीं चेन्नई प्लांट से फोर्ड ने इकोस्पोर्ट और एंडेवर का उत्पादन किया।
भारत से आखिरी फोर्ड ईकोस्पोर्ट है
भारतीय बाजार में फोर्ड ने 9 सितंबर 2021 को भारत से बाहर निकलने की घोषणा की थी। सबसे पहले फोर्ड ने अपना Sanand प्लांट का उत्पादन बंद किया था। वहीं उसके एक महीने बाद ही अक्टूबर 2021 में फोर्ड फ्रीस्टाइल की आखिरी इकाई शुरू हुई। चेन्नई में अभी कारों और इंजनों का उत्पादन चल ही रहा है।लेकिन अब ये भी खत्म हो जाएगा। वहीं Ford EcoSport की आखिरी यूनिट चेन्नई प्लांट से निकली है। व्यापक रूप से फोर्ड भारत में सब 4 मीटर suv सेगमेंट शुरू करने वाला माना जाता है। इस कॉन्सेप्ट को जनवरी 2012 में शुरू किया गया था। इसको लॉन्च 2013 में किया था। इस गाड़ी को भारतीय बाजार में काफी हद तक सफलता मिली।इसकी बुकिंग संख्या में बढ़ोतरी काफी तेजी से भी हुई थी। भारत में फोर्ड की अच्छी बिक्री वाली कार के लिस्ट में ये शामिल थी।
पीएलआई योजना और फोर्ड दोनो ने यू -टर्न लिया
फोर्ड ने हाल के दिनों में ही लोगों को एक किरण दिखाई थी की वो अब पीएलआई योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण को शुरू करेगा। वही इसके निर्माण से भारतीय बाजार में वापस कम बैक करेगा। आपको बता दें ब्लू ओवल ब्रांड उन बीस कार निर्माताओं में शामिल था जिन्हें 'चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम' के तहत ही चुना गया था। पीएलआई योजना के एक पार्ट के रूप में, ओईएम को 25,938 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई थी । इसमें फोर्ड को शामिल करना एक चौकाने वाला कदम था क्योंकि कार निर्माता कंपनी ने पिछले साल अपने सभी स्थानीय परिचालन बंद कर दिए थे। लेकिन जब फोर्ड ने घोषणा की कि वे पीएलआई योजना के तहत भी भारत में कोई और इन्वेस्टमेंट नहीं करने जा रहे हैं।तो उसी समय इसका Sanand प्लांट टाटा मोटर्स ने ले लिया और चेन्नई का प्लांट भी जल्द ही बिकने की संभावना है।
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