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    इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए कितना बेहतर है 'बैटरी स्वैपिंग' ऑप्शन? पढ़िए ये रिपोर्ट

    By Sarveshwar PathakEdited By:
    Updated: Tue, 22 Mar 2022 07:07 AM (IST)

    एक इलेक्ट्रिक व्हीकल को फुल चार्ज करने में लगभग 3 घंटे लगता है। जरा सोचिए कि अगर 2 मिनट में उसकी बैटरी स्वैप कर उसे फिर से सड़क पर दौड़ाने के लिए तैयार कर दिया जाय तो कैसा रहेगा? आइए जानते हैं इस पर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट क्या कहती है।

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    बैटरी स्वैपिंग से बचेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने का समय

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हम अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने और चार्जिंग टाइम को कम करने पर ही विचार कर रहे हैं, लेकिन जरा सोचिए कि अगर आपके इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को डिस्चार्ज होने के बाद उसे 2 मिनट में फुल चार्ज बैटरी के साथ रिप्लेस कर दिया जाय तो कैसा रहेगा? हमें पता है कि सबका जवाब अच्छा ही होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा झंझट इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने में ही आती है। जी हां, बैंग्लोर में कुछ इसी तरह इलेक्ट्रिक कार और रिक्शा की बैटरी को फिर से फिल (रिचार्ज) करने पर काम चल रहा है। इस पर ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की है।

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    बैटरी स्वैपिंग कितना अच्छा ऑप्शन?

    इस रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रोराइड के लिए 38 वर्षीय ई-शटल ड्राइवर सग्यारानी का कहना है कि कहा कि स्वैपिंग करना सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद उस बैटरी को घंटों तक चार्ज करने के लिए नहीं रुका जा सकता है। इसका एक अच्छा विकल्प है कि बैटरी को बदला जाय, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल अगले पांच मिनट में सड़क पर वापस आ जाए।

    बैटरी स्वैपिंग से होगी समय की बचत

    सग्यारानी ने कहा कि बैटरी स्वैपिंग के आने से मुझे इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कितना चार्ज बचा है। हालांकि 13 किलोग्राम (29 पाउंड) की बैटरी उठाने में थोड़ी मशक्कत है। लेकिन आपको चार्जिंग स्टेशन पर रिक्शा रिचार्ज करने के लिए खड़ा नहीं होना पड़ेगा। बैटरी स्वैपिंग के बाद आपको तीन घंटे तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर आप बैटरी को चार्ज करने जाते हैं, तो आप अपनी शिफ्ट में आधे से ज्यादा समय तक सड़क से दूर रहेंगे। इससे आपका टाइम बेकार होगा और नुकसान तो उठाना ही पड़ेगा।

    बैटरी स्वैपिंग की लागत बहुत ही कम

    सग्यारानी जैसे ड्राइवरों के लिए इसके स्पष्ट लाभों से परे बैटरी स्वैपिंग को अब भारत में दो और तीन पहिया वाहनों का दुनिया का सबसे बड़ा बेड़ा विद्युतीकरण करने में मदद करने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है। एक पूरी तरह से डिस्चार्ज की गई बैटरी को स्वैप करने के लिए सिर्फ 50 रुपये खर्च होते हैं, जो कि 1 लीटर गैसोलीन की कीमत का लगभग आधा है। ऑटो रिक्शे में हर पांच घंटे की पाली में दो बार तीन लिथियम-आयन बैटरी, जो 80 किलोमीटर (50 मील) की संयुक्त रेंज देती हैं, उसको रिचार्ज करना पड़ता है।

    इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को मिलेगा बढ़ावा

    बाउंस इन्फिनिटी ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए एक ई-स्कूटर लॉन्च किया है और अपने बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 100 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है। सन मोबिलिटी के मैनी ने कहा कि बैटरी की अदला-बदली भारतीय बाजार के लिए काफी मायने रखती है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को और बढ़ावा मिलेगा।