Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: सालों पुराना भारत का रेसिंग कल्चर और यहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है- प्रभु नागराज

Honda Motorcycle Scooter India Pvt. Ltd के ब्रैंड एंड कम्यूनिकेशन्स के वाइस प्रेसिडेंट प्रभु नागराज से EXCLUSIVE बातचीत

By Shridhar MishraEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 09:21 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 08:28 AM (IST)
EXCLUSIVE: सालों पुराना भारत का रेसिंग कल्चर और यहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है- प्रभु नागराज
EXCLUSIVE: सालों पुराना भारत का रेसिंग कल्चर और यहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है- प्रभु नागराज

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। Honda ने साल 2019 के लिए अपने रोड मैप की घोषणा कर दी है। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2019 सीजन के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय रेसिंग टीम का ऐलान कर दिया है। Honda की तरफ से बताया गया है कि कंपनी का मकसद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप के लिए भारतीय आईकॉनिक राइडर्स को पैदा करना है।

loksabha election banner

Honda के 2019 प्लान के तहत उन भारतीय राइडर्स को पैदा करना है, जो दुनिया के किसी भी रेसिंग ट्रैक पर शानदार परफॉर्मेंस दे सकें। कंपनी का कहना है कि भारत में टैलेंट की कमी नहीं है। ऐसे में बेहतर ट्रेनिंग के जरिए भारतीय राइडर्स को अतंरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म के लिए तैयार किया जा सकता है। इस मौके पर हमने Honda Motorcycle & Scooter India Pvt. Ltd के ब्रैंड एंड कम्यूनिकेशन्स के वाइस प्रेसिडेंट प्रभु नागराज से EXCLUSIVE बातचीत की, ये रहे इंटरव्यू के अंश

होंडा का भारत में रेसिंग कॉन्सेप्ट कहां से शुरू हुआ?

प्रभु नागराज- हमने साल 2008 में मोटर स्पोर्ट्स की एक्टिविटी शुरू की थी। हमारा पहला मकसद यंग टैलेंट को खोजना था ताकी, भारत का नौजवान वर्ग सड़क के बजाए ट्रैक पर रेस करे। इसको लेकर हमने साल 2008 में सीरीज शुरू की थी। इसमें हम राइडिंग गेयर के साथ उतरे थे, जहां हमने नौजवानों को मौका देना शुरू किया। उस समय बाइक भी हम देते थे और गियर भी हम देते थे ताकी, वो अपनी स्किल को यहां टेस्ट कर पाएं। यहां से हमारा स्टेप-बाई-स्टेप रोडमैप था, ताकी हम टैलेंटेड (प्रतिभावान) नौजवानों को ट्रैक पर ला सकें।

रेसिंग ट्रैक पर राइडर्स को कैसे लाया गया?

प्रभु नागराज- शुरू में हमें सिर्फ दक्षिण भारत से राइडर मिलते थे, लेकिन फिर हमने डीलरशिप और दूसरे तरीकों के जरिए अपना दायरा बढ़ाया। इसके बाद हमारे पास उत्तर भारत और पूर्वी भारत से भी राइडर्स आने लगे। अब हमने देखा कि जो राइडर्स हमारे पास आ रहे थे, उनके पास ट्रैक और रेसिंग को लेकर कोई भी जानकारी नहीं थी। ऐसे में हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती राइडर्स का आत्मविश्वास बनाए रखना था, जिसके लिए हमने Academy (अकादमी) की शुरुआत की। भारत में 2-व्हीलर रेसिंग के लिए Honda की तरफ से Ten10 Racing Acedmy शुरू की गई। इसकी अकादमी के प्रमोशन के बाद हमारे साथ कई राइडर्स जुड़ने लगे।

IDEMITSU Talent Hunt की शुरुआत कैसे हुई?

प्रभु नागराज- साल 2018 में हमने अपना तरीका बदला। अब हमारा मकसद अंतरराष्ट्रीय बाइक रेसिंग के लिए एक आइकॉनिक भारतीय राइडर को तैयार करना था। इसके लिए जरूरी था कि कम उम्र वाले राइडर्स को खोजा जाए, जिन्हें इस इवेंट के लिए पहले से ही तैयार किया जा सके। ताकी, उनका रेसिंग करियर लंबा हो। इसके लिए हमने 13 से 17 साल की उम्र वाले यंग टैलेंट को खोजने के लिए IDEMITSU Talent Hunt की शुरुआत की।

IDEMITSU Talent Hunt में कितने शहरों से चुने जाते हैं राइडर्स?

प्रभु नागराज- यंग टैलेंट की तलाश में हम भारत के 7 अलग-अलग शहरों में गए और वहां के राइडर्स को हमने चुना। इन 7 शहरों में हमने बेंगलुरू से शुरुआत की। इसके बाद हम चेन्नई, हैदराबाद और फिर हम नार्थ ईस्ट गए। भुवनेश्वर में हॉकी वर्ल्ड कप के कारण हम वहां शुरू नहीं कर पाए। इसके बाद हम गुरुग्राम और पुणे के बाद कोयंबटूर गए।

7 शहरों से कितने राइडर्स मिले?

प्रभु नागराज- अभी 7 शहरों से हमने 132 राइडर्स को चेक किया है। इनमें से राइडर्स को शॉर्टलिस्ट करके हम ट्रैक पर लाते हैं। हम इन राइडर्स को पहले Honda Ten10 Racing Acedmy में ट्रेनिंग देते हैं। यहां हम राइडर की क्षमता को पहचान कर उन्हें टैलेंट कम में ले जाते हैं। पिछले साल हमने 12 राइडर्स की पहचान की थी, जिन्हें IDEMITSU Talent Cup में उतारा गया। हमने 150 सीसी सेगमेंट में मॉडिफाइड बाइक बनाई है, उस चैम्पियनशिप में जो टॉप-3 में दो यंग राइडर्स थे हमने उन्हें Thai Talent Cup के लिए चुना।

भारतीय राइडर्स को एशिया स्तर पर कैसे तैयार किया जाता है?

प्रभु नागराज- Thai Talent Cup एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो एशिया के राइडर्स को डेवेलप करने के लिए Honda की तरफ से बनाया गया इवेंट हैं। इस इवेंट में Moto 3 के बराबर NSF 250R मशीन को राइडर्स चलाते हैं।

Honda की ट्रेनिंग किन मायनों में सबसे खास है?

प्रभु नागराज- हम राइडर्स की 360 डेवलेपमेंट करते हैं। इनमें शारीरिक फिटनेट, मानसिंक फिटनेस, ऑफ-रोड ट्रेनिंग से लेकर फ्लेट-ट्रैक ट्रेनिंग दी जाती है। यहां से राइडर ARRC जाते हैं और जो सबसे टैलेंटेड होते हैं वो Moto GP तक का सफर तय करते हैं।

भारत में रेसिंग कल्चर को कैसे देखते हैं आप?

प्रभु नागराज- भारत में रेसिंग कल्चर कोई नया नहीं है और भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। हां, इसमें मौका और इंफ्रास्ट्रक्चर एक बड़ा मुद्दा था, जिसको लेकर हमने काफी काम किया है।

क्या Honda Racing Academy में लड़कियों को भी मौका मिल रहा है?

प्रभु नागराज- हमने लड़कियों के लिए एक अलग कैटेगरी शुरू की थी, लेकिन अब हमारा मकसद एक आईकॉनिक राइडर बनाने का है। इसमें लड़का हो या लड़की अगर उसमें टैलेंट है तो हम अंतररास्ट्रीय स्तर पर उन्हें तैयार करेंगे।

यह भी पढें:

इन 8 गलतियों की वजह से मिनटों में कट सकता है चालान, हो सकती है जेल

नई कार से की गईं ये 6 गलतियां पड़ सकती हैं बहुत भारी

Yamaha और Royal Enfield की इन बाइक्स से सड़क हादसों पर लगेगी लगाम 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.