Haryana EV Policy 2022: इस राज्य में लागू हुई इलेक्ट्रिक वाहन नीति, जानें किन-किन सेगमेंट में उठा सकेंगे इसका फायदा
हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और प्रोत्साहन के लिए अपने राज्य में नई EV नीति को लागू कर दिया है। यह नीति विभिन्न सेगमेंट में सब्सिडी देते हुए अधिकतम 20 करोड़ तक का लाभ देगी। पूरी जानकारी नीचे देखें।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कई प्रोत्साहन नीति लेकर आई है। केंद्र सरकार ने पहले ही FAME-II के तहत EV निर्माताओं को कई छूट दिए हैं। इसी के तहत अब हरियाणा सरकार ने ईवी निर्माताओं को कई वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश करते हुए राज्य इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया है।
सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक, ईवी नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को निश्चित पूंजी निवेश (FCI), नेट SGST, स्टांप ड्यूटी, रोजगार सृजन जैसे सेगमेंट में वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
इन सेगमेंट में मिलेगी छूट
हरियाणा सरकार की नई EV नीति के तहत निर्माताओं को 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क में छूट और स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत रिएम्बर्समेंट दी जाएगी। वहीं, SGST के लिए 10 वर्षों की अवधि में लागू नेट SGST का 50 प्रतिशत रिएम्बर्समेंट होगा। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन और इसके कंपोनेंट्स, ईवी बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चीजें बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दी जाएगी।
FCI में भी मिलेगा इंसेंटिव
इन सेगमेंट के अलावा निर्माताओं को फिक्स्ड कैपिटल इनवेस्टमेंट (FCI) के लिए भी कई तरह के लाभ मिल रहे हैं। मेगा इंडस्ट्री को एफसीआई के 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये जो भी कम होगा, इसके आधार पर कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। वहीं, लार्ज इंडस्ट्री में एफसीआई का 10 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के रूप में मिलेगा। हालांकि, यह अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक ही दी जाएगी। मध्यम उद्योग को एफसीआई की 20 प्रतिशत लाभ दी जाएगी, जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी।
लघु उद्योग को एफसीआई की 20 प्रतिशत और अधिकतम 40 लाख रुपये तक लाभ दिया जाएगा। वहीं, सूक्ष्म उद्योग के लिए 25 प्रतिशत की एफसीआई सब्सिडी मिलेगी जो अधिकतम 15 लाख रुपये तक होगी।
रोजगार सृजन पर दी जा रही है सब्सिडी
इस नीति की खास बात है कि इसमें निर्माताओं को रोजगार सृजन करने पर भी सब्सिडी दी जा रही है। इस नीति के तहत हरियाणा के अधिवासी जनशक्ति के साथ जुड़ने पर ईवी कंपनियों को 10 सालों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपये की रोजगार सृजन सब्सिडी का भी प्रावधान है। इसके अलावा, हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के तहत बसों पर भी सब्सिडी है।
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