लिथियम-आयन बैटरी पर जीएसटी की दर हुई कम, सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन
जीएसटी काउंसिल ने लिथियम-आयन बैटरी पर लगने वाली जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। जीएसटी काउंसिल ने लिथियम-आयन बैटरी पर लगने वाली जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, दरों में इससे ज्यादा कटौती की उम्मीद की जा रही थी। इस कटौती के बाद भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम हो जाएंगी।
अभी भारत में महिंद्रा और टाटा इलेक्ट्रिक फॉर व्हीलर बना रही हैं। टाटा ने टियागो और महिंद्रा ने ई-वेरिटो नाम से इन कारों को मार्केट में उतारा है। महिंद्रा e2o प्लस हैचबैक भी बना रही है। साथ ही हुंडई और स्कोडा जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कार और एसयूवी लाने की तैयारियां कर रही हैं। इसके अलावा कई कंपनिया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर भी बना रही हैं। जीएसटी दर में कमी का फायदा इन सभी कंपनियों को मिलेगा।
जीएसटी दर में कटौती के बाद स्टार्ट अप्स और बैटरी बनाने वाली कंपनियों में भारत में इन बैटरियों के निर्माण में सहूलियत हो जाएगी। अभी लिथियम-आयन बैटरी पर 20 प्रतिशत की इंपोर्ट ड्यूटी है। फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्मताओं को इंपोर्टेड बैटरियों पर निर्भर रहना पड़ता है। बैटरी की लागत में कमी से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत पर सीधा असर पड़ता है। इन वाहनों में बैटरी की ही कीमत सबसे ज्यादा होती है।
इलेक्ट्रिक बैटरी की लागत kWh प्रति डॉलर के हिसाब से मापी जाती है। अभी के हिसाब से इलेक्ट्रिक कार बैटरी की कीमत 225-250 डॉलर प्रति kWh होती है। इस कीमत में हर साल कमी आ रही है। 2010 में यह कीमत हजार डॉलर प्रति kWh थी। माना जा रहा है कि 2026 में यह कीमत घटकर 100 डॉलर पर आ जाएगी।