किसानों के लिए खुशखबरी: कृषि उपकरणों पर GST दरें हुईं कम, ट्रैक्टर की कीमत होगी सस्ती
भारत सरकार ने कृषि से जुड़े वाहनों और वस्तुओं पर GST दरें कम कर दी हैं। ट्रैक्टर ट्रैक्टर के टायर पुर्जे जुताई मशीनें और ड्रिप सिंचाई सिस्टम पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। बायो-पेस्टीसाइड्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर भी GST 5% लगेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे दिवाली से पहले देशवासियों के लिए तोहफा बताया है। नए दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने नए GST दरों की घोषणा कर दी है। नए GST दरों में किसानी से जुड़े वाहन और चीजों पर टैक्स को कम कर दिया है। सरकार के इस कदम का मकसद किसानों पर वित्तीय बोझ कम करना, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना और जरूरी कृषि उपकरणों को ज़्यादा किफायती बनाना है। ये नए GST दर को 22 सितंबर, 2025 से लागू किया जाएगा। आइए विस्तार में जानते हैं खेती-किसानी से जुड़ी किन चीजों की कीमत कम होगी?
कृषि क्षेत्र के लिए नई GST दरें
कृषि में इस्तेमाल होने वाली मशीनें | पुरानी GST दर | नई GST दर |
---|---|---|
ट्रैक्टर टायर और पुर्जे | 18% | 5% |
ट्रैक्टर | 12% | 5% |
विशिष्ट बायो-कीटनाशक और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स | 12% | 5% |
ड्रिप सिंचाई प्रणाली और स्प्रिंकलर | 12% | 5% |
मिट्टी की तैयारी, खेती, कटाई और मड़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें | 12% | 5% |
- नए GST दरों के तहत कृषि से जुड़ी कई वस्तुओं पर टैक्स को कम किया गया है। ट्रैक्टरों पर जो पहले 12% GST लगता था, उसे कम करते 5% कर दिया गया है। इसके साथ ही ट्रैक्टर के टायरों और पुर्जों पर लगने वाला GST भी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- इसके साथ ही मिट्टी की तैयारी, जुताई, कटाई और मड़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाली सभी मशीनों पर भी GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसमें हार्वेस्टर, थ्रेशर, और कम्पोस्टिंग मशीनें पहले से काफी ज्यादा सस्ती हो जाएगी।
- ड्रिप सिंचाई सिस्टम और स्प्रिंकलर पर भी लगने वाले GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसके अलावा, बायो-पेस्टीसाइड्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कृषि इनपुट पर भी अब 12% के बजाय 5% GST लगेगा।
अगली पीढ़ी की GST पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुधार को अगली पीढ़ी की GST पहल बताया है और कहा है कि यह दिवाली से पहले देशवासियों के लिए एक तोहफा है। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता पर टैक्स का बोझ काफी कम होगा, रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी। इन बदलावों से किसानों की लागत कम होने, खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा मिलने और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की गति बढ़ने की उम्मीद है। यह विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए मददगार साबित होगा।
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