सरकार ने पूरी कर दी यह डिमांड तो Hero-TVS-Bajaj की बाइक्स हो जाएंगी हजारों रुपये सस्ती
Hero Motocorp के बाद अब TVS Motor के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और Bajaj Auto के MD राजीव बजाज ने भी दोपहिया पर माल एवं सेवा कर (GST) की दर घटाने की मांग की है
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी Hero Motocorp के बाद अब TVS Motor के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और Bajaj Auto के MD राजीव बजाज ने भी दोपहिया पर माल एवं सेवा कर (GST) की दर घटाने की मांग की है। उन्होंने डिमांड करते हुए कहा कि बाइक और स्कूटर पर GST दर को घटानकर 18 फीसद किया जाए। अभी दोपहिया वाहन पर 28 फीसद GST लगाया जाता है और अगर सरकार यह रियायत देती है तो इसे दोपहिया वाहन की कीमतों पर 10 फीसद का असर पड़ेगा। यानी एक्सशोरूम कीमत से करीब 10 फीसद कम हो जाएगी।
TVS ने क्या कहा?
श्रीनिवासन ने कहा, "टू-व्हीलर आम इस्तेमाल की वस्तु है। इसे लग्जरी गुड्स में नहीं गिना जा सकता। आम लोगों के लिए दोपहिया का काफी महत्व है। इसलिए निश्चित रूप से दोपहिया के लिए GST दर पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। शहरीकरण, बढ़ती खरीद क्षमता और मध्यम और छोटे शहरों में दोपहिया क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ा है। दोपहिया को विलासिता के सामान में नहीं रखा जाना चाहिए और इस पर GST की दर को 28 से घटाकर 18 फीसद किया जाना चाहिए।"
Hero Motocorp ने क्या कहा?
बता दें इससे पहले Hero Motocorp के चेयरमैन पवन मुंजाल ने भी बाइक और स्कूटर पर GST दर को 28 से घटाकर 18 फीसद करने की मांग की थी। पिछले सप्ताह मुंजाल ने कहा था कि कर दरों में कटौती से न केवल लाखों दोपहिया ग्राहकों को फायदा होगा, बल्कि इसका असर क्षेत्र पर निर्भर पूरी प्राइज रेंज को मिलेगा।
Bajaj Auto ने क्या कहा?
देश की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल निर्यात करने वाली कंपनी Bajaj Auto भी मोटरसाइकिल और स्कूटर्स पर GST दरों में कमी का समर्थन किया है। Bajaj Auto के MD राजीव बजाज ने हालांकि सुझाव दिया कि GST कटौती को नए मॉडलों की शुरुआत से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कीमतों को एकमात्र उद्देश्य नहीं होना चाहिए।
बजाज ने आगे कहा, "यह महत्वपूर्ण लागत को कम करने के लिए सुरक्षा या उत्सर्जन मानदंड़ों के साथ किसी भी GST में कमी के समय के लिए एक बेहतर समाधान होगा, जो अनिवार्य होगा।"
निर्माणाधीन मकानों पर काउंसिल की अगली बैठक में विचार:
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 10 जनवरी को होने वाली है। इसमें निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी घटाकर पांच फीसद किए जाने के प्रस्ताव पर विचार होगा। इसके साथ ही छोटे और मझोले उद्यमों के लिए जीएसटी छूट की सीमा बढ़ाए जाने पर भी विचार होगा। काउंसिल की पिछली बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अगली बैठक में रिहाइशी संपत्ति पर टैक्स को तर्कसंगत बनाने और एमएसएमई के लिए छूट की वर्तमान 20 लाख रुपये की सीमा को ऊपर उठाने पर विचार होगा।