डीजल और पेट्रोल वाहन मालिकों के लिए आई खुशखबरी, CNG और LPG किट के रेट्रोफिटमेंट को मिली मंजूरी
भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों में CNG और LPG किट को लगाने की मंजूरी दे दी है। यह नियम BS-VI मानकों को पूरा करने वाले वाहनो पर लागू किया गया है जिसकी जानकारी परिवहन मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करके दी है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग (MoRTH) ने एक बड़ी घोषणा जारी की है। इसके तहत सरकार ने ऐसे पेट्रोल और डीजल वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट को फिर से लगाने ( रेट्रोफिटमेंट ) की मंजूरी दे दी है जो बीएस-6 उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करते हैं। अभी तक, ऐसे यह अनुमति केवल उन वाहनों में थी जो BS-IV उत्सर्जन मानदंड के अनुरूप थे, लेकिन अब इसे बाकी मानकों की गाड़ियों में भी लगाया जा सकता है।
मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, " BS-VI गैसोलीन वाहनों पर सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट और बीएस-VI वाली डीजल गाड़ियों में 3.5 टन से कम सीएनजी या एलपीजी इंजन से बदलने की अधिसूचना जारी की गई है।" हालांकि, बता दें कि इस तरह के रेट्रोफिटमेंट के लिए टाइप अप्रूवल को भी तय किया गया है।
स्टेकहोल्डर्स के परामर्श से तैयार किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीएनजी एक पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है और यह पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करेगा।

सरकार द्वारा मंजूर किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस तरह की किट लगाने के लिए किसी भी गाड़ी को उसके सीसी इंजन क्षमता के आधार पर आंका जाएगा। 1500cc तक के वाहने के लिए 7 प्रतिशत तक और 1500cc से ऊपर के वाहनों में 5 प्रतिशत की क्षमता के भीतर रेट्रोफिटमेंट किया जा सकेगा। वहीं, इंजन की पावर को डायनेमोमीटर पर मापा जाएगा।
बता दें कि मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक एक बार अप्रूवल मिलने के बाद गाड़ी में इस किट को 3 साल तक इस्तेमाल में लाया जा सकता हैं। वहीं, 3 साल पूरे होने के बाद इसे एक बार रिन्यू किया जाएगा। भारत में काफी लंबे समय से CNG किट के इस्तेमाल की जरूरत देखी जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियां फैक्ट्री फिटेट CNG किट के साथ अपने मॉडल्स को पेश भी कर रही है।

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