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ट्रैफिक नियम कड़े करने का मकसद पैसा कमाना नहीं, सड़क दुर्घटनाओं में आए कमी: गडकरी

नितिन गडकरी ने कहा कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर लगाए गए कड़े जुर्माना का मतलब रोड एक्सीडेंट में कमी लाना है।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 05:36 PM (IST)
ट्रैफिक नियम कड़े करने का मकसद पैसा कमाना नहीं, सड़क दुर्घटनाओं में आए कमी: गडकरी
ट्रैफिक नियम कड़े करने का मकसद पैसा कमाना नहीं, सड़क दुर्घटनाओं में आए कमी: गडकरी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर कड़ा जुर्माना लगाने का मतलब रोड एक्सीडेंट में कमी लाना है। देश में 1 सितंबर, 2019 से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में पहले से कई गुना ज्यादा जुर्माने का प्रावधान है। नए Motor Vehicles Act लागू होने के बाद कई चालान राशि में बहुत इजाफा हुआ, जिससे चलते लोग पहले से ज्यादा नियमों को मानेंगे।

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गडकरी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नियमों का पालन करता है तो उसे जुर्माने का कोई डर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इंसान ट्रैफिक नियमों का पालन कर रहा है तो उसे जुर्माने का डर क्यों होना चाहिए, बल्कि लोगों खुश होना चाहिए कि भारत में भी अन्य देशों जैसी मजबूत सड़कें सेफ हो जाएंगी। देश में लोग अनुशासन के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे तो सही रहेगा। क्या इंसानों के जीवन की कीमत नहीं है।

गडकरी ने कहा कि कड़े नियम जरूरी थे, क्योंकि लोग ट्रैफिक नियमों को सही से मानते नहीं थे। लोगों में इन नियमों को लेकर कोई डर या इज्जत नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर हूं। यह बात उन लोगों से पूछो जिनके करीबियों ने रोड एक्सीडेंट में अपनी जान खोई है। रोड एक्सीडेंट के 65 फीसद 18 से 35 साल के बीच के लोग शिकार होते हैं, ऐसे में उनके परिवार से पूछिए कि उन्हें कैसा लगता है। मैं खुद रोड एक्सीडेंट का पीड़ित हूं। यह कदम सोच-समझकर उठाया गया है फिर चाहे कांग्रेस हो या तृणमूल या टीआरएस आदि सभी राजनीतिक पार्टियों की सहमति दर्ज की गई। आगे उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक बराबर कार्रवाई होती है। कानून के लिए यह मायने नहीं रखता है कि नियम तोड़ने वाला मंत्री है या मुख्यमंत्री या भी कोई बड़ा ऑफिसर या कोई जर्नलिस्ट आदि। जो भी नियमों को तोड़ेगा उसे उसके लिए जुर्माना तो चुकाना ही होगा।

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